पटना में अवैध शराब फैक्ट्री का खुलासा.. होमियोपैथिक दवाओं से बनाई जा रही थी विदेशी शराब

पटना में अवैध शराब फैक्ट्री का खुलासा.. होमियोपैथिक दवाओं से बनाई जा रही थी विदेशी शराब

PATNA : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही कितने बड़े दावे कर ले शराबबंदी के लेकिन हकीक़त इससे इतर है. होली में कई जिलों जहरीली शराब से मौत और अब पटना में अवैध शराब की फैक्ट्री का खुलासा शराबबंदी के सारे पोल खोल रहा है. होली को लेकर की जा रही चेकिंग अभियान में पुलिस ने पटना में शराब की अवैध फैक्टरी का खुलासा किया है.


मामला पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के विजय नगर मोड़ का है. पुलिस ने दो फैक्टरी समेत शराब की खाली बोतल देने वाले गोदाम में छापेमारी कर तीन और लोगों को गिरफ्तार किया है. सिटी एसपी इस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि होमियोपैथिक दवाओं से अवैध फैक्टरी में विदेशी शराब बनायी जा रही थी और उसकी पैकिंग कर मार्केट में बेचा जा रहा था. 


गिरफ्तार आरोपितों में डिलिवरी ब्वॉय बबलू कुमार यादव, विजयनगर स्थित फ्लैट का मालिक अरविंद कुमार मिश्र, गौरीचक स्थित अजीमचक के तीन मंजिले मकान का मालिक सन्नी कुमार और खाजेकला थाना क्षेत्र के गुरहट्टा निवासी संजय कुमार शामिल है. पुलिस ने भारी मात्रा में होमियोपैथिक दवाएं, स्प्रीट व शराब की पैकिंग के सामान, मशीन और खाली बोतल को जब्त कर लिया है. 


इस मामले में गौरीचक, आलमगंज और पत्रकार नगर थाने में अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले में एक डॉक्टर का भी नाम सामने आया है, जो होमियोपैथिक दवाएं शराब माफियाओं को उपलब्ध करवाता था. इस पूरे गिरोह में 25 से 30 लोग शामिल है. सबसे बड़ी बात की इनमें कई बड़े नाम हैं, जिनके बारे में पुलिस जांच कर रही है. 


बताया जा रहा है कि इस फैक्टरी से बड़े-बड़े कार सवार शराब की खेप ले जाते थे और बिहार के कई जिलों में बेचते सप्लाइ करते थे. शराब पर लगने वाले स्टीकर, बैच नंबर और ढक्कन कहां से लाया जा रहा था इसकी जानकारी पुलिस को मिल गयी है. इस पूरे गिरोह में सभी के अलग-अलग काम थे. कोई स्टीकर लगाता, कोई एयर भरता, शराब बनाता, कोई डिलिवरी करता, कोई ग्राहक खोजने समेत अन्य तरह के काम करते थे.


पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि छापेमारी के दौरान आलमगंज के दो कबाड़ के गोदाम से हजारों की संख्या में खाली बोतल बरामद हुई है. उन सभी बोतलों को अच्छे से साफ कर उसे फिर से उपयोग में लाया जा रहा था. इससे यह साफ होता है कि ये सारी बोतलें पहले से उपयोग में लायी गयी हैं और उसे साफ कर गौरीचक और विजयनगर स्थित फैक्टरी में शराब के लिए भेजा जा रहा था.