पटना में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये Ola और Uber कैब के ड्राइवर, कंपनी से 1500 रुपया भत्ता और सुरक्षा दिये जाने की मांग

पटना में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये Ola और Uber कैब के ड्राइवर, कंपनी से 1500 रुपया भत्ता और सुरक्षा दिये जाने की मांग

PATNA:  1500 रुपया दैनिक भत्ता, सुरक्षा, पटना में कंपनी का दफ्तर खोले जाने, ऑटो और बाइक कैब बंद किये जाने सहित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पटना में Ola और Uber कैब के हजारों ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। पटना के मिलर स्कूल ग्राउंड में अपनी गाड़ी लेकर सभी पहुंचे है पूरा ग्राउंड Ola और Uber कैब की गाड़ियों से भर गया। 


मिनिमम बिजनेस गारंटी की मांग ये कर रहे हैं। जब तक इनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक ये हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान पटना में कैब सेवा पूरी तरह ठप रहेगी। इनके हड़ताल पर चले जाने से पटना के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग ऑटो और बाइक से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच रहे हैं। Ola और Uber कैब चलाने वाले ड्राइवरों का कहना है कि उनके साथ कंपनी बहुत अत्याचार कर रही है। दस लाख रूपये लगाकर ये दस हजार रूपये भी नहीं कमा पा रहे हैं। 10 किलोमीटर के लिए इनकी गाड़ी बुक की जाती है और पैसेजर को पहुंचाने के बाद मात्र 100 रुपये दिया जाता है। इतनी कम राशि मिलने से वे गाड़ी का इएमआई तक नहीं दे पा रहे हैं। कभी-कभी तो कार लेकर बाहर भेजा जाता है जहां बीच रास्ते में ड्राइवर के मारपीट की जाती है। गाड़ी तक छीन लिया जाता है। यही नहीं कभी-कभी तो ड्राइवर की हत्या कर फेंक दिया जाता है। ऐसे में उनकी सुरक्षा का ख्याल रखना कंपनी की जिम्मेदारी बनती है लेकिन कंपनी पल्ला झाड़ लेती है। 


कैब ड्राइवर का कहना है कि हम लोग जान हथेली पर रखकर गाड़ी चलाते हैं लेकिन कंपनी कहती है कि अपने रिक्स पर गाड़ी चलाए कुछ होगा तो कंपनी जिम्मेदारी नहीं लेगी। रंजीत ने कहा कि कस्टमर कंपलेन करता है तो उसकी बात सुनी जाती है लेकिन कंपनी हमारी बात नहीं सुनता। हमारी समस्या क्या है उसका समाधान कैसे किया जाए इसे लेकर दोनों कंपनियां कभी नहीं सोचती। आश्चर्य इस बात की है कि दोनों में से किसी कंपनी का पटना में ऑफिस तक नहीं है। हम मांग करते हैं इतनी बड़ी कंपनी चला रहे हैं लेकिन अपना ऑफिस नहीं है सबसे पहले अपना ऑफिस खोले। ऑटो वाला खूब कमा रहा है हम दस लाख का पूंजी लगाकर नहीं कमा पा रहे हैं। कमर्शियल गाड़ी में हम लोग टैक्स देते हैं लेकिन कमाई नहीं हो पाती है। बिना टैक्स और परमिट वाले खूब कमा रहे हैं हम मुंह ताकते रहते हैं।


कैब ड्राइवर ने कहा कि ऑटो और बाइक के कारण भी बहुत परेशानी हो रही है जितना भाड़ा मिलना चाहिए उतना नहीं मिल रहा है। इन्होंने फेयर बढ़ाने की मांग की कहा कि गाड़ी का कागज बनाने में 10 हजार से ज्यादा लगता है। सरकार को टैक्स हम देते है लेकिन ऑटो वाले बिना परमिट के चलता है। ऑटो का सड़क पर चलने का अधिकार नहीं है सड़क पर चलने का अधिकार हमलोगों को मिला हुआ है। पटना में बिना परमिट का ऑटो क्यों चल रहा है। दस किलोमीटर गाड़ी चलता है तब पांच किलोमीटर का बिल पेमेंट किया जाता है। Ola और Uber दोनों कंपनियों की मनमानी काफी बढ़ गयी है। ऑटो-बाइक को भी ओला-ऊबर पर चलाया जा रहा है और हमलोग बैठे रह जाते हैं। ड्राइवर ने कहा कि हम लोग 12 घंटे की ड्यूटी देंगे लेकिन 1500 रुपया भत्ता कर दिया जाए। किसी के साथ कोई घटना हो जाती है तब कंपनी मुआवजा दें। कैब ड्राइवरों ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रखेंगे। 

पटना से इंद्रजीत की रिपोर्ट