पटना की सड़कों पर उतरे अतिथि शिक्षक, नीतीश सरकार पर लगाया नौकरी छीनने का आरोप, कहा-बहुत अन्याय हो रहा है

पटना की सड़कों पर उतरे अतिथि शिक्षक, नीतीश सरकार पर लगाया नौकरी छीनने का आरोप, कहा-बहुत अन्याय हो रहा है

PATNA: बिहार की नीतीश सरकार पर नौकरी छीनने का आरोप लगाते हुए अतिथि शिक्षक आज राजधानी पटना की सड़कों पर उतरे और जमकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। अतिथि शिक्षक पटना के विभिन्न मार्गों से होते हुए राजद पार्टी कार्यालय पहुंच गये और वहां भी प्रदर्शन करने लगे। कहने लगे कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बिहार में नौकरी दी जा रही है वही  बिहार के अभ्यर्थियों को नौकरी से ही निकाला जा रहा है। हमारे साथ नीतीश सरकार बहुत अन्याय कर रही है। अब हम क्या करे कहां जाए? अब हमारा घर द्वार कैसे चलेगा? अतिथि शिक्षकों ने सरकार से उचित फैसला लेने की अपील की।  


प्रदर्शनकारी अतिथि शिक्षकों का कहना था कि इन लोगों ने छह साल तक बिहार सरकार में अपनी सेवा दी है अब इनकी उम्र सीमा खत्म हो गयी है सरकार के द्वारा अब इन्हें हटाया जा रहा है। कई जिलों में तो हटा भी दिया गया है। इसलिए ये सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि इन्हें नहीं हटाया जाए क्योंकि अब इनकी उम्र सीमा भी खत्म हो गयी है ये कही नौकरी के लिए अप्लाई भी नहीं कर सकते हैं। यदि सरकार ने इनके साथ भी ऐसा किया तो बहुत अन्याय होगा। हम कहीं के नहीं रहेंगे। हम भी बेरोजगारों की श्रेणी में खड़े हो जाएंगे। हमारी आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी। 


वही बिहार राज्य अतिथि शिक्षक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने बताया कि प्लस टू स्कूलों में जब साइंस और अंग्रेजी के एक भी शिक्षक नहीं थे तब हम अतिथि शिक्षकों ने सेवा दी और बच्चों को इन विषयों को पढ़ाया। लेकिन जब बीपीएससी ने शिक्षकों की नियुक्ति कर ली तब उन्हें बर्खास्त किया जा रहा है। एक ओर यूपी, बंगाल सहित दूसरे राज्यों के शिक्षकों को बिहार में नौकरी दी गयी है वही बिहार के युवकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। हमलोगों को नौकरी से हटाया जा रहा है। हमारी नौकरी छीनी जा रही है। सरकार हम सभी के साथ अन्याय कर रही है। अतिथि शिक्षकों ने सरकार से अपील की है कि 60 साल तक उन्हें पद पर रहने दिया जाए।


 यदि उनकी नौकरी छीनी गयी तो सभी का हाल बुरा हो जाएगा। अतिथि शिक्षकों ने सरकार से स्थायी नौकरी देने की मांग की। बता दें कि बिहार में 4 हजार 257 अतिथि शिक्षक है जिन्हें शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर बताया कि उनकी जगह पर नियमित शिक्षकों की नियुक्ति कर ली गयी है इसलिए अब अतिथि शिक्षकों की सेवा नहीं ली जाएगी। ऐसे में अब अतिथि शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गयी है। उन्हें अब नौकरी जाने का डर सता रहा है। कभी भी इनकी नौकरी जा सकती है इसे लेकर ये लोग काफी परेशान हैं। 


इन्हें फिर से बेरोजगार होने का डर सता रहा है। नौकरी जाने का डर ऐसा कि आज ये लोग पटना पहुंच गये और जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी करने लगे। अतिथि शिक्षकों ने सरकार से उचित फैसला लेने की बात कही है। इस दौरान अतिथि शिक्षक राजद कार्यालय पहुंचे जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बता दें कि जब अतिथि शिक्षकों की बहाली निकली थी तभी स्पष्ट कर दिया गया था कि जिस विषय के लिए अतिथि शिक्षकों की तैनाती होगी यदि वहां नियमित शिक्षक बहाल हो जाते हैं तब अतिथि शिक्षकों की सेवा खुद खत्म हो जाएगी।