PATNA : राजधानी पटना से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो समाज को सकारात्मक सीख देने वाली है. पटना जिला के बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन से लावारिस मिली 3 साल की मासूम बच्ची ख़ुशी को एक नई जिंदगी मिल गई है. दरअसल ख़ुशी अब हिंदुस्तान से इटली पहुंच गई है. ख़ुशी की जिंदगी की कहानी जानकार आपको हैरानी भी होगी और आश्चर्य भी होगा.
दरअसल ये घटना साल 2017 की है, जब पटना जिले के बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पर तीन साल की एक मासूम बच्ची ख़ुशी को उसके मां-बाप बोझ समझ कर छोड़ कर चले गए थे. बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पर भटकती ख़ुशी को भी इस बात का एहसास नहीं था कि 4 साल बाद उसकी किस्मत कुछ ऐसे पलटेगी कि वह बिहार से सीधे इटली पहुंच जाएगी. लेकिन ऐसा ही हुआ क्योंकि ईश्वर ने उसके भाग्य में यही लिखा था.
इटली के इलेक्ट्रिक ग्राफिक डिजाइनर कंप्यूटर इंजीनियर मिस्टनर लुका स्पांगनोली और शिक्षाविद मिसेज एलिजा स्टांगा ने सृजनी दतक संस्थान में आकर ख़ुशी को गोद ले लिया है. इटली से आए इस दंपती ने दानापुर के लेखानगर स्थित नारी गुंजन संस्था में जाकर संचालित सुधा वर्गीज से बात की और ख़ुशी को अपने साथ इटली लेकर चले गए. जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक दिलीप कुमार कामत, समन्वयक सविता कुमारी की उपस्थिति में इटली के दंपति को खुशी को सौंपा गया.
नारी गुंजन की सचिव पद्मश्री सुधा वर्गीज ने बताया कि 8 जुलाई 2017 को बख्तियारपुर स्टेशन पर मिली खुशी को रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा सौंपा गया था. खुशी स्पेशल चाइल्ड है. गोद लेने के बाद दंपती ने उसे गोद में उठाकर गले से लगा लिया. दंपती ने बताया कि पहले से उनकी एक पुत्री लारा है. एक पुत्र समांगा को कंबोडिया से गोद लिया. अब खुशी दूसरी बेटी हो गई.