PATNA: पटना यानी पाटलिपुत्र का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है पाटलिपुत्र किस सभ्यता और मगध साम्राज्य को लेकर इतिहास में काफी कुछ पढ़ने को मिलता है लेकिन अब इसी पटना के नीचे पाटलिपुत्र के अवशेष दबे हुए हैं उनको बाहर लाने की कवायद शुरू होने वाली है दरअसल कानपुर आईआईटी के विशेषज्ञों ने पटना के नीचे पाटलिपुत्र के अवशेषों को तलाशने के लिए जो रिपोर्ट तैयार की है उस पर अब जल्द जमीनी स्तर पर शुरुआत तो होती दिखेगी पाटलिपुत्र होने जा रही है को चिन्हित किया गया है आने वाले दिनों में खुदाई का काम किया जा सकता है।
वहीं, पटना संग्रहालय परिसर में भी पाटलिपुत्र के अवशेष की खोज शुरू हो गई है। सीएम ने पिछले महीने मई में ही संग्रहालय परिसर में खुदाई कार्य शुरू करने का निर्देश दे दिया था। अगले हफ्ते वहां पर तेजी से खुदाई का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा पटना सिटी के जिन आधा दर्जन जगहों में खुदाई की संभावना है उसके अंतर्गत पटना सिटी के भद्र घाट, महावीर घाट, गुलजारबाग राजकीय मुद्रणालय का खेल मैदान, बेगम की हवेली, सैफ खान का मदरसा, मेहंदी मजार क्षेत्र का सर्वे का काम पूरा हो चूका है। जिसके बाद अब मैपिंग का कार्य शुरू किया गया है। इसमें लगभग 18 लाख की स्वीकृत कर दी है।
इस सर्वे में बिना खुदाई किए जमीन से 15 मीटर नीचे तक की जानकारियां आसानी मिल जाती है, इसलिए पहले सर्वे कराया जाएगा सर्वे में परिणाम सकारात्मक आने पर उन जगहों पर पुराने पाटलिपुत्र की खोजबीन शुरू की जाएगी।