15 जून से गांधी सेतु पर फिर से जाम झेलने के लिए हो जायें तैयार, हटेगा पीपा पुल, लेकिन नहीं चालू हो पायेगा नया पश्चिमी लेन

15 जून से गांधी सेतु पर फिर से जाम झेलने के लिए हो जायें तैयार, हटेगा पीपा पुल, लेकिन नहीं चालू हो पायेगा नया पश्चिमी लेन

PATNA : 8 दिन बाद अगर आप गांधी सेतु के रास्ते आना जाना चाह रहे हों तो जाम झेलने के लिए तैयार हो जाइय़े. 15 जून को गांधी सेतु के सामानांतर बना पीपा पुल हट जायेगा. लेकिन गांधी सेतु का पश्चिमी लेन चालू नहीं हो पायेगा. सरकार ने एलान किया था कि गांधी सेतु पर बन रहा फिर से बनाया जा रहा पश्चिमी लेन 15 जून तक तैयार हो जायेगा पर किसी सूरत में ये संभव नहीं दिख रहा है.


पीपा पुल हटेगा, पश्चिमी लेन चालू होने के आसार नहीं

दरअसर बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने ये एलान किया था कि गांधी सेतु पर फिर से बनाया जा रहा पश्चिमी लेन का निर्माण 15 जून तक पूरा कर लिया जायेगा. लेकिन इसे किसी सूरत में निर्धारित समय पर चालू करना संभव नहीं दिख रहा है. वहीं सरकार ये घोषणा कर चुकी है कि 15 जून से गांधी सेतु के सामानांतर बना पीपा पुल हटा लिया जायेगा. लिहाजा लोगों के लिए वैकल्पिक रास्ता भी बंद हो जायेगा. ऐसे में फिर से जाम झेलने को मजबूर होना पड सकता है. 


पश्चिमी लेन का काम अधूरा

दरअसल गांधी सेतु पर पश्चिमी लेन को तोड़कर उसका पुनर्निर्माण कराया जा रहा है. इसका काम 15 जून तक पूरा होना था. लेकिन पुल के पश्चिमी लेन के 45 में से नौ स्पैन की पीचिंग और 10 स्पैन का एक्सटेंशन ज्वाइंट लगाने का काम अभी बाकी है. वहीं, आधे से अधिक पुल की पेंटिंग भी बाकी है. ऐसे में चाहे कितनी भी तेजी से काम किया जाये ये 15 जून तक पूरा नहीं हो पायेगा. लेकिन सरकार 15 जून से पीपा पुल को हटाने का एलान कर चुकी है.

लॉकडाउन के कारण हुई देरी

दरअसल पुल के पश्चिमी लेन के पुनर्निमाण में लॉकडाउन ने असर डाला है. लॉकडाउन के कारण काफी दिनों तक काम बंद रहा. इसके बाद सरकार ने सिर्फ 50 फीसदी मजदूरों को ही काम करने की इजाजत दी. लॉकडाउन के दौरान काम शुरू करने की इजाजत देते समय केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्माण कार्य में 50 फीसदी से अधिक मानव बल का इस्तेमाल नहीं होने की शर्त लगायी थी. लिहाजा पश्चिमी लेन के पुनर्निमाण में आधे मानव बल से ही काम शुरू हो पाया. 

सरकार ने अनलॉक वन की शुरुआत के साथ 50 फीसदी अधिकतम मानव बल के इस्तेमाल की सीमा हटा ली लेकिन इस छूट का इस्तेमाल कर अब तक यहां मानव बल की संख्या नहीं बढ़ायी जा सकी है. दरअसल लॉकडाउन के कारण बड़ी तादाद में मजदूर यहां से बाहर चले गये थे. लिहाजा अभी भी पूरे मजदूर काम पर नहीं लग पाये हैं. वहीं मॉनसून से पहले ही प्री मॉनसून बारिश ने भी निर्माण के काम में मुसीबत बढायी है. बारिश के कारण पुल पर और स्टोर में रखा अलकतरा भीग गया है.

भीगे अलकतरा को पिघलाना और पिचिंग में इस्तेमाल संभव नहीं है. लिहाजा पुल के 45 में से 36 स्पैन की पीचिंग ही पूरी हो पायी है. उधर पुल के ट्रश की पेंटिंग में 20-25 दिन और समय लगने की संभावना है.