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पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी, 30 मिनट में 9 धमाके से हिल गया था बिहार, निशाने पर थे नरेंद्र मोदी

1st Bihar Published by: Updated Wed, 01 Sep 2021 05:37:45 PM IST

पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी, 30 मिनट में 9 धमाके से हिल गया था बिहार, निशाने पर थे नरेंद्र मोदी

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PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. 7 वर्ष पहले साल 2014 में बिहार की राजधानी पटना और बोधगया में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकियों के खिलाफ जोधपुर की एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन माड्यूल के सहयोगी आतंकियों को जोधपुर से पकड़ा गया था, जिनकी सुनवाई अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रही है.


पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन के तीन आतंकी इकबाल भटकल उर्फ मोहम्मद इस्माइल, रियाज भटकल और मोहम्मद रियाज उर्फ स्माइल भंडारी के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. गौरतलब हो कि एटीएस ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर आतंकियों के खिलाफ फिर से गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आग्रह से किया था. जिसमें बड़ा अपडेट सामने आया है.



जिनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है, उसमें रियाज भटकल सबसे बड़ा नाम है. आपको याद दिला दें कि 13 मई को साल 2012 में सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा था. गौरतलब हो कि इंडियन मुजाहिद्दीन का चीफ रियाज भटकल और इकबाल भटकल से जुड़ा फसीह 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के बाद सऊदी अरब भाग गया था. जहां से आइएम को पैसे मुहैया कराता रहा. दाऊद इब्राहिम का सहयोगी फजलुर्रहमान भी जाले थाने के देवड़ा बंधौली गांव का है. अभी वह तिहाड़ जेल में बंद है.



एनआईए ने इन बम धमाकों में अपनी जांच के दौरान पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. लेकिन एनआई में मुताबिक रियाज नाम का आतंकी अभी भी फरार है. रियाज की नेपाल या पाकिस्तान में होने की संभावना जताई जा रही है. हैदराबाद में हुए बम धमाकों में भी इसका नाम सामने आया था. आपको याद दिला दें कि हैदराबाद ब्लास्ट और पटना में हुए बम धमाकों में 6 महीनों का अतंर था.



गौरतलब हो कि तब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी कई आतंकी संगठनों के निशाने पर थे. पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने हाथ मिला लिया था. इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी समर्थन हासिल था. यह जानकारी खुफिया विभाग ने गृह मंत्रालय को दी थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने दिल्ली सहित सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को पत्र लिखकर इस बारे में आगाह कर दिया था. तब मोदी को निशाना बनाने के लिए आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा, हिजबुल मुजाहिदीन और शाहिद बिलाल एक हो गए थे और आईएसआई के इशारे पर इन संगठनों ने इंडियन मुजाहिदीन को ऑपरेशन का जिम्मा सौंपा था.



27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली थी. इसमें भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे. इसी दौरान सीरियल ब्लास्ट हुआ था. इन धमाकों में 6 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 90 लोग जख्मी हुए थे. पहले यह मामला गांधी मैदान थाने में दर्ज किया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने 1 नवंबर 2013 को दिल्ली स्थित एनआईए थाने में केस दर्ज  किया था. 



दूसरी घटना एक साल पहले 7 जुलाई 2013 को हुई थी. सुबह-सुबह बोधगया के महाबोधि मंदिर में सीरियल धमाके हुए थे. घटना उस वक्त हुई थी, जब बौद्ध   भिक्षु पूजा कर चुके थे. वहां कुल 12 बम रखे गए थे, जिनमें 10 विस्फोट हुए थे. तीन जिंदा बम बरामद कर निष्क्रिय किया गया था. इन धमाकों का मकसद विदेशी बौद्ध भिक्षुओं को क्षति पहुंचाने के साथ ही मारना था, लेकिन किसी की जान नहीं गई थी. एनआईए की तफ्तीश में पता चला कि पटना और बोधगया ब्लास्ट में प्रयोग किए गए विस्फोटक में काफी समानता थी. इससे एनआईए को जांच में काफी मदद मिली. इस नाबालिग ने  दोनों स्थानों पर बम को प्लांट करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. यह केस पहले बोधगया थाने में दर्ज किया गया, जिसे बाद में एनआईए ने दिल्ली में केस किया था.



आपको बता दें कि 2014 में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए बम धमाकों में जोधपुर से 12 लोगों को पकड़ा गया था. जोधपुर के प्रतापनगर थाना पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई करते हुए एटीएस की टीम ने 23 मार्च 2014 को इन्हें दबोचा था. आतंकियों की मदद करने वाले एक शख्स आदिल को जयपुर से भी गिरफ्त में ले लिया गया था. पुलिस की दबिश में आतंकियों के इस गिरोह के कब्जे से विस्फोटक और मुद्रित दस्तावेज बरामद किए गए थे. 



जोधपुर पुलिस ने इनके पास से मोबइल, लैपटाप, डेटोनेटर, टाइमर, फ्यूज और देशी जिंदा बम और बम बनाने का सामान भी बरामद किया था. एनआईए के हत्थे चढ़े मुजाहिद्दीन गिरोह के कर्नाटक मूल के निवासी यासिन भटकल और अरशदुउल्लाह ने ही पूछताछ में ये इशारा किया था कि उनका ठिकाना राजस्थान में है. जिसके बाद जयपुर और जोधपुर में आतंकियों के नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ.



इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े इन आतंकियों पर देशभर में विस्फोट करने का आरोप लगा था, जो मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. जोधपुर में चल रहे मामले में सभी आरोपितों को कोर्ट के द्वारा चार्ज सुना दिए गए थे, जिनको सभी ने नकार दिया था. इसके अलावा जोधपुर से पकड़े गए लोगों को आतंकी कहे जाने पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई थी. इनके खिलाफ अभियोग संख्या 113/14 धारा 4, 5, 6 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 16, 17, 18, 18ए, 19, 20, 23 , 38 विधि विरुद्ध गतिविधियां अधिनियम 1967 और 120बी, 121, 121ए, 122, 212, 465, 468, 471 भारतीय दंड संहिता में मामला जोधपुर शहर के प्रताप नगर थाने में दर्ज है.