पटना एम्स के निदेशक ने कहा- बिना जरूरत घर से न निकलें, एडवांटेज डायलाॅग में बोले- वैक्सीन आने तक बचाव ही उपाय

पटना एम्स के निदेशक ने कहा- बिना जरूरत घर से न निकलें, एडवांटेज डायलाॅग में बोले- वैक्सीन आने तक बचाव ही उपाय

PATNA : कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से तमाम उपाए किये जा रहे हैं. एडवांटेज डायलाॅग के 12वें एपिसोड में प्रसिद्ध माॅडरेटर दीपिका महिधरा से बातचीत में पटना एम्स के निदेशक डाॅ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि बिना जरूरत के घर से न निकलें। मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जाएं। जब तक कोरोना का वैक्सीन नहीं आ जाता तब तक बचाव ही इस वायरस का इलाज है। हाथ धोने की आदत भी बरकरार रखें। इस बीमारी से बचने के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी और उसके लिए संतुलित आहार लेना होगा। 


पटना एम्स के निदेशक ने कहा कि आहार में रोटी-चावल के अलावा उच्च प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ को भी अपने आहार में शामिल करना होगा। दाल, राजमा, सोयाबिन तथा दूध के साथ सेब, अंगूर, संतरा, मौसमी तथा केला जैसे फलों का सेवन भी जरूरी है। शाकाहारी के अलावा मांसाहारी भोजन भी करना चाहिए लेकिन मांस पूर्णरूप से पका होना चाहिए। लाॅकडाउन के दौरान किसी भी तरह का व्यायाम अवश्य करें। योग को प्राथमिकता दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि मरीज की हालत पर इलाज का तरीका अपनाया जाता है। भारत वैक्सीन बनाने में काफी मजबूत है और पूरी दुनिया की जरूरत का 50 प्रतिषत वैक्सीन भारत सप्लाई करता है। वैक्सीन पर काम चल रहा है, छह-आठ महीने में वैक्सीन आ जायेगा।


डाॅ. प्रभात कुमार सिंह शनिवार 10 मई को डिजिटल प्लेटफार्म गूगल मीट पर एडवांटेज डायलाॅग के 12वें एपिसोड शाम 4.30 बजे से 5.15 बजे तक में बोल रहे थें। प्रसिद्ध माॅडरेटर दीपिका महिधरा के साथ बातचीत में डाॅ. सिंह ने कहा कि कोरोना बीमारी के लक्षण कफ, बुखार, सांस लेने में तकलीफ के साथ ही मांसपेशियों में दर्द, डायरिया तथा सूंघने की क्षमता में ह्रास के लक्षण भी सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की तुलना में हम कोरोना के मामले में काफी अच्छी स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 20 फीसदी बुजूर्ग मरीजों के लिए ही वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है।


इस सेशन मे बहुत सारे नामचीन डाॅक्टरों ने भाग लिया और कई साइंटीफिक सवाल पूछे गए जिसमे यह पूछा गया की प्लाज्मा थेरेपी कारगर है की नही इसके जवाब मे डाॅ. सिंह ने कहा कि पुरी दुनिया में इसके उपर रिसर्च चल रहा है और एम्स पटना भी इसे शुरू करने जा रहा है। जीन म्यूटेशन के बारे में एक डाॅक्टर ने सवाल पूछा कि क्या यह वायरस फिर से म्यूटेशन होगा सिंह ने बताया कि यह बड़ा ही अनिष्चित वायरस और कब इसका स्वरूप बदल जाए कहा नहीं जा सकता। फिर कुछ चिकित्सकों ने चिंता जाहिर की कि क्या डाॅक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उचित संख्या बिहार में उपलब्ध है जो अगर कोरोना के केस बढ़े तो उसका मुकाबला कर सकें तो सिंह ने बताया कि अभी डाॅक्टर और पैरामेडिकल चिकित्सा कर्मियों की प्रशिक्षित टीम तैयार है। बेड भी उपलब्ध है जितनी संख्या में मरीज बढ़े उसकी पर्याप्त चिकित्सा की जा सकती है।



लाॅकडाउन कब तक रहना चाहिए के जवाब मे उन्होंने कहा कि डाॅक्टर होने के नाते मैं इसे जारी रखने के पक्ष में हूं। फिर भी उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन में लाॅकडाउन हटाया जा सकता है, लेकिन रेड जोन में नहीं खोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2002 तथा 2012 में सार्स तथा अन्य वायरस आये थे। कोरोना उसी का एक हिस्सा है। फरवरी 2017 में एम्स के निदेशक बने डाॅ. सिंह कहते हैं कोरोना से सभी डरते हैं और डाॅक्टर यह भी जानते हैं कि इसका इलाज तो उन्हे ही करना होगा, इसलिए वे इलाज करने में व्यस्त रहते हैं। 6-7 दिन की ड्यूटी के बाद हम अपने डाॅक्टरों को 14 दिनों के कोरेनटाइन में भेज देते हैं ताकि वह इस बीमारी की जद में न आएं। लेकिन उन्होंने अपने बारे में कहा कि उन्हे तो प्रतिदिन हाॅस्पिटल आना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एम्स में 180 बेड कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध है। एम्स में 120 सीनियर और 400 जूनियर डाॅक्टर हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के इलाज के लिए काफी बेडों की व्यवस्था की गयी है। डाॅ. सिंह कोरोना के लिए गाइडलाइन बनाने वाली राष्ट्रीय टीम के सदस्य हैं। इनके द्वारा बनाई गई सुविधा जो एम्स पटना में लागू की गई है, कई अन्य मेडिकल काॅलेज एवं दुसरे राज्यो के अस्पताल भी उसका अनुसरण कर रहे हैं।


एडवांटेज ग्रुप के संस्थापक एवं सी.ई.ओ. खुर्शीद अहमद ने कहा कि आगामी बुधवार 20 मई को इस डायलाॅग में मेगा शो दिन के दो बजे से तीन बजे तक होगा जिसमें ब्रह्मा कुमारी शिवानी बहन अपना बहुमूल्य समय देंगी। ये अंतर्राष्ट्रीय वक्ता हैं जिनके 30 लाख अनुयायी (फाॅलोवर) हैं। उन्होंने कहा कि यह सेशन बड़ा होगा, दर्षकों एवं श्रोताओं की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आगे के एपिसोडो में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज तथा सुप्रीम कोर्ट की वकील अंजना प्रकाश, नयी दिल्ली स्थित सेंटर फाॅर सोशल रिसर्च की डायरेक्टर तथा वीमेंस पावर कनेक्ट की चेयरपर्सन डाॅ. रंजना कुमारी तथा बिहार चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स के सचिव अमित मुखर्जी भी अपने विचार रखेंगे।



उन्होंने कहा कि इस डायलाॅग के आयोजन में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएषन (बी.आई.ए.), बिहार चेंबर ऑफ़ काॅमर्स (बी.सी.सी.), इवेंट एंड इंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन (इमा), प्रेरणा, पुतुल फाउंडेषन तथा पब्लिक रिलेशन कंसलटेन्ट एसोसिएषन ऑफ़ इंडिया (पी.आर.सी.ए.आई.) सराहनीय सहयोग दे रहा है। बिहार में डिजिटल प्लेटफार्म पर इस तरह का पहला कार्यक्रम हो रहा है। गूगल मीट तथा जूम एप्प के अलावा यह कार्यक्रम फेसबुक और युट्यूब पर भी लाईव देख सकते हैं। इस डायलाॅग में न सिर्फ छात्र, युवा बल्कि सारे लोग भाग ले रहे हैं। दस एपिसोड के बाद ही यह काफी पोपुलर कार्यक्रम बन गया है। कार्यक्रम को देखने या सुनने के लिए कोई भी व्यक्ति इसकी वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है। रजिस्ट्रेशन निःशुल्क है।