DELHI : सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के पहले पटाखों को लेकर एक बार फिर से सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रतिबंधित पटाखे अगर बेचे गए तो संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर त्योहार नहीं मनाया जा सकता। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है।
पटाखों को लेकर सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि हम दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव मनाने नहीं दे सकते। सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है। केवल बेरियम सॉल्ट वाले पटाखे ही प्रतिबंधित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री की स्थिति में मुख्य सचिव गृह सचिव जिले के एसपी डीएसपी थाना प्रभारी जैसे अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जवाबदेह माना जाएगा। पटाखों से होने वाले नुकसान को लेकर राज्य सरकारों को भी जन जागरूकता करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्य एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से अगर कोई चूक होती है तो उसे गंभीरता से देखा जाएगा। कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से दी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को भी आदेश में दर्ज किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कई कंपनियां प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल कर पटाखे बना रही हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे पटाखों के ऊपर ग्रीन क्रैकर का लेवल लगाकर बेचा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे संबंधित संस्थाओं और राज्य सरकारों की नाकामी बताया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर आदेश की अवहेलना होती है तो इस मामले में आगे सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।