पार्टी में टूट के डर से हवा हो गये चिराग पासवान के तेवर: दिल्ली में अमित शाह के घर पहुंचे, आधे घंटे तक सफाई

पार्टी में टूट के डर से हवा हो गये चिराग पासवान के तेवर: दिल्ली में अमित शाह के घर पहुंचे, आधे घंटे तक सफाई

PATNA:  बीजेपी को आंखें दिखा रहे चिराग पासवान के तेवर हवा हो गये हैं. दिल्ली में आज वे अमित शाह के घर सफाई देने पहुंच गये. सूत्र बता रहे हैं कि अमित शाह के सामने करीब आधे घंटे तक चिराग पासवान सफाई देते रहे. उन्होंने ये भरोसा दिलाने कि कोशिश की है कि बीजेपी से अलग होने की वे सोच भी नहीं सकते. 


टाइम मांग कर अमित शाह से मिले चिराग 

बीजेपी के एक नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि चार दिन पहले से ही चिराग पासवान बीजेपी के आलाकमान से मिलने का टाइम मांग रहे थे. उन्होंने प्रधानमंत्री औऱ गृह मंत्री दोनों से समय मांगा था. शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया. 


हवा हो गये तेवर

दरअसल पिछले एक महीने से चिराग पासवान लगातार बीजेपी को आंखें दिखा रहे थे. एससी-एसटी आरक्षण, लेटरल एंट्री और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर चिराग पासवान ऐसे बयान से दे रहे थे जिससे बीजेपी को परेशानी हो रही थी. चिराग पासवान के जीजा और जमुई से सांसद अरूण भारती ने वक्फ बिल को लेकर बनी संसदीय कमेटी की बैठक में ऐसी बातें कहीं जो बीजेपी के स्टैंड से अलग था. लिहाजा बीजेपी की नाराजगी झलक रही थी.


इस बीच खबर ये आयी थी कि बीजेपी ने चिराग पासवान के इलाज का इंतजाम कर दिया है. चिराग पासवान की पार्टी में टूट की खबरें आम थी. उनके तीन सांसदों के बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही जा रही थी. वहीं, बीजेपी ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को भी अचानक से महत्व देना शुरू कर दिया था. पटना में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पारस के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी. वहीं, अमित शाह ने भी पारस को दिल्ली बुलाकर मुलाकात की थी. चिराग पासवान को इसका अंदाजा हो गया था कि बीजेपी ज्यादा नाराज हो गयी है.


अमित शाह के सामने सफाई

बीजेपी सूत्र बता रहे हैं कि चिराग पासवान ने आज अमित शाह से मुलाकात कर सफाई दी कि उनका इरादा गलत नहीं है. चिराग बार बार ये भरोसा दिलाने की कोशिश करते रहे कि वे हर मामले में बीजेपी के साथ हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों के टूटने को लेकर भी अमित शाह से बात की. वैसे, सूत्र बता रहे हैं कि अमित शाह ने उन्हें कोई ठोस भरोसा नहीं दिलाया.


अब देखना ये होगा कि चिराग पासवान की सफाई का क्या असर होता है. क्या बीजेपी उनकी बातों पर भरोसा कर लेगी. ये जानने के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा.