बिहार में हाथ कैसे होगा मजबूत? जीत से ज्यादा परिवारवालों को टिकट दिलाने में जुटे हैं कांग्रेसी

बिहार में हाथ कैसे होगा मजबूत? जीत से ज्यादा परिवारवालों को टिकट दिलाने में जुटे हैं कांग्रेसी

PATNA : बिहार की 5 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अकेले अपने दम पर मैदान में उतरने का साहस दिखाया है। प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में बुधवार को यह तय हुआ कि पार्टी को उपचुनाव में अकेले उतरना चाहिए। विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का पैनल केंद्रीय आलाकमान को भेजने पर सहमति बनी। 


लेकिन लंबे अरसे बाद अपने बूते चुनाव में उतरने का साहस दिखाने वाली कांग्रेस क्या वाकई उपचुनाव में परफॉर्म कर पाएगी। बिहार कांग्रेस के कुछ नेताओं का रवैया इस बात में संदेह पैदा कर रहा है। उपचुनाव में उम्मीदवारों की दावेदारी के बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं का पूरा ध्यान पार्टी की जीत से ज्यादा अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलाने पर है। 


कांग्रेस के जो नेता अपने परिवार के लिए टिकट चाहते हैं उनमें सबसे पहला नाम किशनगंज से सांसद मो. जावेद का है। मो. जावेद के सांसद चुने जाने के बाद ही किशनगंज विधानसभा सीट पर चुनाव हो रहा है लिहाजा वह अपनी मां के लिए विधानसभा का टिकट चाहते हैं। कांग्रेस के सूत्र बता रहे हैं कि मोहम्मद जावेद हर कीमत पर किशनगंज सीट अपने परिवार के पास रखना चाहते हैं। कांग्रेस के पुराने नेता विजय शंकर दुबे भी अपने बेटे के लिए दरौंदा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। कांग्रेसियों का परिवार प्रेम ऐसे वक़्त में देखने को मिल रहा है जब पार्टी के बड़े नेता उपचुनाव में अपने दम पर जाने का फैसला ले चुके हैं।