DESK: परीक्षा में धांधली का खिलाफ पटना और भागलपुर के मेडिकल छात्रों ने आज जमकर हंगामा मचाया। पटना के NMCH के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से OPD सेवा ठप हो गयी। मेडिकल छात्र-छात्राओं ने फिर से कॉपी की जांच की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। वही भागलपुर के JLNMCH के मेडिकल छात्रों ने भी यही आरोप लगाया है। भागलपुर में भी फिर से कॉपी की जांच की मांग की गई है।
सबसे पहले हम बात पटना के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल यानी NMCH में सत्र 2019 फर्स्ट ईयर के मेडिकल छात्रों (जूनियर डॉक्टरों ) ने आज जमकर हंगामा मचाया। जूनियर डॉक्टरों ने इस दौरान एनएमसीएच में ओपीडी सेवा को बाधित कर दिया। जिससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से जहां ओपीडी सेवा बाधित हो गयी है तो वही अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज की समस्या भी खड़ी हो गयी है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि एग्जामिनेशन कंट्रोलर के द्वारा पूरे बिहार के फर्स्ट ईयर के मेडिकल कॉलेज के एग्जाम में धांधली की गयी है।
जिसके कारण 400 से ऊपर छात्र फेल हुए है। जूनियर डॉक्टरों की मांग है जब तक एग्जामिनेशन कंट्रोल बोर्ड के द्वारा फिर से कॉपी की जांच नहीं कराई जाएगी तब तक अनिश्चितकाल के लिए उनका हड़ताल इसी तरह से जारी रहेगा।
भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल ( JLNMCH ) में भी आज मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्रों ने कहा कि परीक्षा का परिणाम सही तरीके से घोषित नहीं किया गया है। जिसके कारण इस साल हमारे बैच में लगभग 40 बच्चे फेल हो गए है।
जबकि ऐसा ना कभी हुआ था और ना कभी हो सकता है। हर साल एग्जाम होता है और तीन से चार बच्चे ही फेल होते थे लेकिन इस बार परिणाम कुछ ऐसा घोषित किया गया कि 40 से भी ज्यादा बच्चों को फेल कर दिया गया। कई छात्र-छात्राओं को एक मार्क्स से फेल कर दिया गया है।
एक नंबर से फेल होना कैसे संभव है उन लोगों को यह समझना होगा कि जिन छात्रों के साथ ऐसा हुआ है वह किस स्थिति से गुजर रहे होंगे। यह पूरी तरह से अमानवीय मामला है। छात्र-छात्राएं अब परीक्षा के इस परिणाम का विरोध कर रहे हैं और फिर से कॉपी की जांच कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
JLNMCH के छात्रों का कहना है कि यह उनके भविष्य का सवाल है किसी को उनके भविष्य से खेलने का कोई हक नहीं है। इसलिए एक बार फिर से कॉपी की जांच कराई जाए सारी हकीकत सामने आ जाएगी।