पैसों के अभाव में नहीं रुकेगी होनहार बच्चों की पढ़ाई, पटना में 'Ashoka Civil Services' की हुई शुरुआत

पैसों के अभाव में नहीं रुकेगी होनहार बच्चों की पढ़ाई, पटना में 'Ashoka Civil Services' की हुई शुरुआत

PATNA: आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद के लिए पटना में अशोका सिविल सर्विस शिक्षण संस्थान की शुरूआत आज की गयी। शिक्षण संस्थान का उद्घाटन पूर्व आयुक्त अरुण कुमार एवं उनकी पत्नी रितु जयसवाल ने किया। अशोक राजपथ स्थित पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी द्वार के पास 'Ashoka Civil Services' शिक्षण संस्थान की शुरुआत आज से की गयी। 


पूर्व आयुक्त अरुण कुमार एवं उनके सहयोगियों के द्वारा पटना में यूपीएससी, बीपीएससी, सीएपीएफ एवं अन्य राज्य पीसीएस परीक्षाओं की तैयारी करायी जाएगी। 'Ashoka Civil Services' संस्थान में आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए जरूरत एवं योग्यता आधारित छात्रवृति की भी व्यवस्था रखी गई है। 


राजद प्रवक्ता रितु जायसवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पटना के गंगा घाट पर पढ़ाई कर रहे बच्चों की खबर को उन्होंने  देखा था। इस खबर को देखने के बाद वे काफी विचलित हुए थे। इन बच्चों के संबंध में रितु ने अपने पति पूर्व आयुक्त अरुण कुमार से बातचीत की। कहा कि इतनी योग्यता रखने के बाद यदि हम इन बच्चों के काम नहीं आए तो ऐसी योग्यता रखना बेकार होगा। 


खबर देखने के एक हफ्ते बाद ही उन्होंने बच्चों के लिए बड़ा फैसला लिया और Ashoka Civil Services आपके सामने है। आज इस संस्थान की शुरुआत की गयी है। रितु ने कहा कि पैसे की वजह से जो बच्चा नहीं पढ़ पा रहा है उनकी मदद की जाएगी। उस बच्चे के टाइलेंट को और निखारा जाएगा। ऐसे बच्चों को इस संस्थान के माध्यम से फ्री बढ़ाया जाएगा यही नहीं ऐसे बच्चों को स्कॉलरशीप भी दिया जाएगा। बच्चों को उसी गंगा घाट पर जाकर पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन बहुत जरूरी है। 


वही रितु जायसवाल के पति पूर्व आयुक्त अरुण कुमार ने बताया कि बिहार ज्ञान की धरती है। इस ज्ञान को आगे बढ़ाने के उद्धेश्य को लेकर उन्होंने 2018 में ही स्वैच्छिक सेवानिवृति लिया था। उसके बाद से बच्चों को पढ़ाने का काम करने लगे। बिहार के प्रति उनका लगाव शुरू से ही रहा है। बिहार के लिए कुछ अच्छा किया जाए इसी को लेकर उन्होंने आज अशोका सिविल सर्विसेज की स्थापना की। उनका  ऑनलाइन बेवसाइट भी है जिस पर 1200 से 1300 क्लासेज बच्चों को उन्होंने दिया है। बच्चों को पढ़ाना ही उनका मकसद है। 


अरुण कुमार ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीपीएससी में 150 प्रश्न आते है यदि ढंग से बच्चों को पढ़ाया जाए तो 120 से ऊपर पहुंचा पाना आसान होगा ऐसे में कंप्टीशन भी टफ हो जाएगा। अभी मेंस में उतना कठिन कंप्टीशन नहीं हो पा रहा है। यदि हम गुणवत्तापूर्ण पढ़न पाठन का माहौल बनाए तो बच्चों को मंजिल तक पहुंचा पाना आसान होगा। अरुण कुमार ने बताया कि बच्चों को कैसे उनकी मंजिल तक पहुंचाया जाएगा यह रास्ता मुझे पता है क्योंकि मैं खूद यहां से होकर गुजरा हूं इस परीक्षा में अच्छा रैंक ला चुका हूं।