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1st Bihar Published by: Updated Thu, 23 Dec 2021 01:21:18 PM IST
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PATNA : भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेइ और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा पर पटना हाईकोर्ट गंभीर है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार को 3 जनवरी 2022 तक जवाब देने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने वकीलों की एक तीन सदस्यीय टीम गठित किया है. ये टीम जीरादेइ और वहां स्थित स्मारकों, पटना के सदाकत आश्रम और बांसघाट स्थित स्मारकों का जायजा ले कर कोर्ट को अगली सुनवाई में रिपोर्ट देगी.
मिली जानकारी के मुताबिक जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया कि जीरादेई गांव और वहां डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के पुश्तैनी घर और स्मारकों की हालत काफी खराब हो चुकी है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार ने बताया कि जीरादेई में बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर है. ना तो वहां पहुँचने के सड़क की हालत सही है और ना ही गांव में स्थित उनके घर और स्मारकों की स्थिति ठीक है.
उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण लगातार हालत खराब होती जा रही है. कोर्ट को बताया गया है कि पटना के सदाकत आश्रम और बांसघाट स्थित उनसे संबंधित स्मारकों की दुर्दशा भी साफ दिखती हैं. इस स्थिति में शीघ्र सुधार के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर कार्रवाई करने की जरूरत हैं. इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 3 जनवरी 2022 को होगी.