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1st Bihar Published by: Ganesh Samrat Updated Wed, 13 Nov 2019 01:32:32 PM IST
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PATNA : विपक्षी दलों ने भले ही बड़े तामझाम के साथ आक्रोश मार्च निकालकर एनडीए सरकार की नीतियों का विरोध किया हो लेकिन पटना जिला प्रशासन ने विपक्ष के बड़े नेताओं का नोटिस तक नहीं लिया। पटना के गांधी मैदान से निकलकर कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले इन नेताओं का ज्ञापन लेने के लिए पटना के डीएम कार्यालय में मौजूद नहीं रहे। डीएम की गैरमौजूदगी से नाराज विपक्ष के नेताओं ने बिना ज्ञापन दिए ही वापस लौटना बेहतर समझा।
रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी, आरजेडी की तरफ से प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी, विधायक रामानुज प्रसाद और वाम दलों के नेता आक्रोश मार्च के बाद ज्ञापन सौंपने पटना डीएम के कार्यालय पहुंचे थे लेकिन डीएम साहब को कार्यालय में मौजूद नहीं देख उपेंद्र कुशवाहा गुस्से से भड़क उठे। कुशवाहा ने आरोप लगाया कि पटना डीएम ने जानबूझकर विपक्ष के बड़े नेताओं की अनदेखी की है। हालांकि पटना जिला प्रशासन की तरफ से एक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी लेकिन विपक्ष के नेताओं ने मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने की बजाय वहां से वापस लौटना ही बेहतर समझा।
उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि पट्टा जिला प्रशासन विपक्ष के बड़े नेताओं को नेगलेक्ट कर रहा है और यह सब सीएम आवास के इशारे पर हो रहा है। कुशवाहा ने कहा कि बिहार में सरकार चौपट स्थिति में पहुंच चुकी है और विपक्ष का यह विरोध आगे भी जारी रहेगा।