PATNA : बिहार में नियोजित शिक्षकों के हड़ताल के कारण इंटरमीडिएट की कॉपी का मूल्यांकन कार्य बाधित हो रहा है. सरकार सस्पेंड करने से लेकर बर्खास्त करने तक की कार्रवाई हड़ताली शिक्षकों के ऊपर कर चुकी है. अब सरकार ने कड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने सभी जिलों के डीएम और डीईओ को निर्देश दिया है कि हड़ताली शिक्षकों के ऊपर कानूनी की जाये.
इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन कार्य की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन की ओर से सभी जिलों के डीएम और डीईओ को लिखे गए लेटर में हड़ताली शिक्षकों पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. पत्र में लिखा गया है कि ऐसे शिक्षक जिनको मूल्यांकन कार्य में नियुक्त किया गया है. वे अगर नियुक्ति पत्र लेने से इनकार कर दिए हैं या पत्र लेकर भी सेवा नहीं दे रहे हैं. उनके खिलाफ एफआईआर कर कानूनी कार्रवाई की जाये. ऐसे शिक्षकों के अनुदान की राशि का भुगतान करने पर रोक लगाने का सख्त निर्देश दिया गया है.
हड़ताल में शामिल नियोजित शिक्षक अगर मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों के बीच रोड़ा बन रहे हैं. जिसके कारण मूल्यांकन कार्य बाधित हो रहा है. बच्चों के भविष्य को देखते हुए उनके ऊपर भी एफआईआर करने का निर्देश दिया गया है. जो शिक्षक प्रमंडलीय और जिला स्तरीय कार्यालयों को जबरदस्ती बंद करा रहे हैं. उनके ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाये.
वहीं दूसरी ओर टीचरों की कमी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के डीईओ को लेटर लिखा है. नियोजित शिक्षकों के हड़ताल पर रहने के कारण इंटरमीडिएट की कॉपी अतिथि शिक्षकों से चेक कराने का निर्देश दिया गया है. क्योंकि मूल्यांकन कार्य शिक्षकों की कमी हो रही है. शिक्षा विभाग के डायरेक्टर गिरिवर दयाल सिंह की ओर से जारी निर्देश में इंटरमीडिएट के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जाने की बात कही गई है. पत्र में लिखा गया है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीएम और डीईओ ने शिक्षकों की कमी बताई है. जिसको देखते हुए निर्धारित पारिश्रमिक पर सेवा दे रहे अतिथि शिक्षकों से जांच कराये जाने का निर्देश दिया है.
शिक्षा विभाग ने बताया कि अतिथि शिक्षकों की यह सेवा तदर्थ रूप से होगी. विभाग की ओर से निर्धारित पैसे दिए जायेंगे. इस लेटर में यह भी बताया गया है कि शिक्षकों को उनसे संबंधित विषयों की कॉपी जांच करने के लिए प्रतिनियुक्त किया जाये.