PATNA : नियोजित शिक्षकों के वेतनमान की मांग को पहले ही खारिज कर चुकी नीतीश सरकार उन्हें ईपीएफ का लाभ भी देने को तैयार नहीं है. नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने के लिए हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए नीतीश सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए थे. लेकिन सरकार अब हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी में है.
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बिहार विधान परिषद में आज नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ दिए जाने में देरी का मामला उठाते हुए बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सरकार से जवाब मांगा. सरकार की तरफ से जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि सरकार अब हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जाने की तैयारी में है. शिक्षा विभाग ने इसके लिए विधि विभाग से परामर्श मांगा है. शिक्षा मंत्री के जवाब के बाद विधान परिषद में सरकार को सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के सदस्यों ने जमकर घेरा.
आरजेडी के रामचंद्र पूर्वे, केदारनाथ पांडे, कांग्रेस के मदन मोहन झा ने सरकार के रवैए पर हैरानी जताई. विधान परिषद में ज्यादातर सदस्यों का यह कहना था कि सरकार को शिक्षकों का सम्मान करते हुए उन्हें ईपीएफ का लाभ देना चाहिए. RJD के एमएलसी दिलीप चौधरी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को लेकर सरकार को उदारता बरतनी चाहिए. दिलीप चौधरी ने कहा कि पेंशन और भविष्य निधि हर कर्मी का अधिकार है और इस दिशा में सरकार को हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देना चाहिए.
सदन में चौतरफा घिरने के बाद मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि विधि विभाग की तरफ से जो परामर्श आएगा सरकार उसके अनुरूप ही आगे का निर्णय लेगी. अगर विधि विभाग अपने परामर्श में ईपीएफ में नहीं जाने की अनुशंसा करती है तो शिक्षा विभाग नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगी.