'बाबू' के सामने नीतीश के मंत्री बच्चे? मदन सहनी ने कहा- किसी काम के लायक नहीं SSP, एक बात नहीं सुनते

'बाबू' के सामने नीतीश के मंत्री बच्चे? मदन सहनी ने कहा- किसी काम के लायक नहीं SSP, एक बात नहीं सुनते

DARBHANGA : बिहार में दफ़्तरी हुकूमत का पावर इतना बढ़ गया है कि संवैधानिक पदों पर बैठे मंत्री भी फीके साबित हो रहे हैं. बिहार में बेलगाम अपराध के साथ-साथ पुलिस अफसर भी बेलगाम हो गए हैं. ऐसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्री का ही मानना है. दरअसल बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने मीडिया में एक बयान दिया है, जिससे खलबली मच गई है. उन्होंने कहा है कि दरभंगा के एसएसपी किसी की सुनते ही नहीं. यानि की वे बेलगाम हो गए हैं. उन्होंने मंत्री को ऐसी बात कही है कि वह सार्वजनिक तौर पर बताया भी नहीं जा सकता. ये हैरानी की बात है.


रविवार को अभिनंदन समारोह में हिस्सा लेने दरभंगा पहुंचे बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने वहां के एसएसपी बाबू राम के ऊपर काफी गंभीर आरोप लगाए. मंत्री ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए एसएसपी बाबू राम को 'किसी की नहीं सुनने वाला' अफसर बता दिया. मंत्री ने कहा कि "एसएसपी बाबू राम किसी की बात ही नहीं सुनते. दरअसल एसएसपी उस लायक ही नहीं."


अभिनंदन समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे नीतीश के मंत्री का दर्द कार्यकर्ताओं के सामने ही छलक पड़ा. दरअसल दरभंगा में लगातार हो रही हत्याएं और आपराधिक घटनाओं को लेकर चिंतित मंत्री मदन सहनी ने कहा कि एसएसपी उनकी बात नहीं सुनते हैं. दरभंगा पुलिस शिथिल है और आपराधिक घटनाओं को रोकने में फेल है. हाल तो ऐसा है कि अपराधी का नाम बताने पर भी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करती. 


मंत्री मदन सहनी ने कहा कि व्यवसायी दीपू कुमार की हत्या के एक मामले में एसएसपी को जानकारी मिलने के बावजूद भी वह अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर पाएं. एसएसपी से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है. लेकिन घटना के बारे में पहले ही बताये जाने के बावजूद भी उन्होंने तत्परता नहीं दिखाई. इतना ही नहीं एसएसपी ने जो जवाब दिया, वह सार्वजनिक तौर पर बताने लायक भी नहीं. मर्डरकांड में 4-5 लोगों का नाम सामने आने के बवजूद भी अब तक एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया.


बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के मंत्री का ये बयान सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि क्या नीतीश राज में अफसरों की ताकत इतनी बढ़ गई है कि मंत्री भी उनके सामने बच्चे हो गए हैं. तभी तो बेलगाम अफसर मंत्री की बात को भाव नहीं देते. उनकी बात को सीरियस नहीं लेते. अपराधियों को खुलेआम घूमने के लिए छोड़ देते हैं.