PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड को एक बार फिर से बिहार में सशक्त बनाना चाहते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू की पतली हालत को देखते हुए नीतीश ने पार्टी में कई प्रयोग किए। पहले खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ी बाद में आरसीपी सिंह से होते हुए इस कुर्सी पर ललन सिंह विराजमान हुए। लेकिन अब नीतीश कुमार ने जेडीयू को मजबूत बनाने के लिए कार्यकर्ताओं की सुध ली है। यही वजह है कि नीतीश कुमार कल अचानक से पार्टी कार्यालय पहुंचे और वहां 3 घंटे तक जमे रहे। इस दौरान उन्होंने तकरीबन डेढ़ सौ से ज्यादा पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उनकी समस्याओं को सुना और समस्याओं के निदान को लेकर जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।
नीतीश जब जेडीयू कार्यालय पहुंचे तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से लेकर प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा तक वहां मौजूद थे। पार्टी के जिन पुराने साथियों को बुलाया गया था, वह पहले से ही नीतीश कुमार का इंतजार कर रहे थे। खास बात यह रही कि नीतीश कुमार और ललन सिंह के साथ-साथ पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी यहां मौजूद रहे। उपेंद्र कुशवाहा के अलावे मंत्री अशोक चौधरी संजय कुमार झा भी पार्टी कार्यालय में मुस्तैद दिखे, साथ ही साथ मुख्यालय पदाधिकारियों की भी मौजूदगी रही। नीतीश कुमार ने इस दौरान अपने कार्यकर्ताओं से बड़ी आत्मीयता के साथ मुलाकात की। नीतीश 2005 वाले अंदाज में नजर आए, कार्यकर्ताओं से उनकी समस्याओं को जाना और साथिया भरोसा भी दिया कि आपकी समस्या हमारे रहते बहुत दिनों तक नहीं टिकने वाली इसका तुरंत निदान होगा।
समता पार्टी के दौर से नीतीश कुमार के साथ जो कार्यकर्ता जुड़े रहे हैं, उनसे नीतीश कुमार ने सरकार के कामकाज पर फीडबैक भी लिया। पार्टी को कैसे मजबूत बनाया जाए इसके लिए कार्यकर्ताओं से चर्चा की उनकी व्यक्तिगत परेशानियों को भी सुना और साथ ही साथ पार्टी में कैसे बदलाव के जरिए मजबूती लाई जा सकती है। यह बात भी सुन अपनी आलोचना सुनने को भी तैयार बैठे थे, यह अलग बात है कि कार्यकर्ताओं ने सरकार की खामियों को मुख्यमंत्री के सामने रखने में थोड़ा परहेज किया। नीतीश कुमार जब पत्रकारों से मुखातिब हुए तो प्रदेश कार्यालय से निकलते–निकलते यह जरूर कह गए कि कोरोना काल में कार्यकर्ताओं से दूरी बन गई थी और यह दूरी आगे और ज्यादा नहीं बनी रहेगी।