PATNA : जनसंख्या नियंत्रण कानून समेत अन्य मसलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार बिहार में अपना हिंदू कार्ड मजबूत करने की कवायद में जुटी है। बीजेपी ने कभी सीमांचल के मसले को उठाकर हिंदुओं को एकजुट करने का प्रयास किया तो कभी जनसंख्या संतुलन के बहाने। ऐसा नहीं है कि बीजेपी के इस प्लान को उसकी सहयोगी जनता दल यूनाइटेड नहीं समझ रही। यही वजह है कि अब सीएम नीतीश कुमार ने खुद बीजेपी को हिंदुत्व कार्ड के जरिए एकतरफा बढ़त लेने से रोकने की पहल की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब अल्पसंख्यकों के साथ-साथ बिहार में हिंदुओं को भी लुभाने का प्लान फिर से एक्टिव कर दिया है। इसके लिए सरकारी योजनाओं के जरिए हिंदुओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
बिहार में अल्पसंख्यकों के लिए नीतीश सरकार की एक पुरानी योजना रही है। कब्रिस्तान की घेराबंदी कराकर नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के बीच खूब वाहवाही भी बटोरी। यह अलग बात है कि आरजेडी के मुकाबले जेडीयू को अल्पसंख्यकों ने तमाम योजनाओं के बावजूद ज्यादा तरजीह नहीं दी लेकिन नीतीश अल्पसंख्यक उसे एकतरफा झुकाव दिखाते रहे। अब नीतीश कुमार ने इसी तर्ज पर मंदिरों की घेराबंदी करने के काम में तेजी लाने का फैसला किया है। बिहार के सभी मंदिरों की घेराबंदी कराने के लिए नीतीश सरकार ने योजना पहले से बना रखी है लेकिन अब इसमें एक बार फिर से तेजी लाने का काम किया जा रहा है। पिछले दिनों ही सीएम नीतीश ने इसका संकेत दिया था। बक्सर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर से जुड़ी विकास योजनाओं का शुभारंभ करते हुए नीतीश ने कहा था कि साल 2016 में ही बिहार मंदिर चहारदीवारी निर्माण योजना के तहत 60 साल से ज्यादा पुराने ऐसे मंदिर जो धार्मिक न्यास परिषद से जुड़े हुए हैं उनकी चहारदीवारी के निर्माण का काम शुरू किया गया था। बिहार में अब तक लगभग 295 मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री के स्तर पर मंदिर की चहारदीवारी के निर्माण योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। इस योजना में एक बार फिर से तेजी लाए जाने के पीछे का राजनीतिक मकसद समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है। सरकार ने राज्य के 38 जिलों में से 26 जिलों में 355 मंदिरों की पहचान की है जिनकी घेराबंदी कराई जाएगी। प्रदेश में कुल 4321 एकड़ भूमि के साथ 2512 निबंधन के बगैर मंदिर और मठ हैं जिनका अब पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और इनकी चहरदीवारी भी बनेगी।