नीतीश की पार्टी और सरकार में कितने खेल? जेडीयू के एक मंत्री ने अपने समर्थकों से कहा-अशोक चौधरी का पुतला जलाओ, विरोध में लिखो

नीतीश की पार्टी और सरकार में कितने खेल? जेडीयू के एक मंत्री ने अपने समर्थकों से कहा-अशोक चौधरी का पुतला जलाओ, विरोध में लिखो

PATNA: बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ साथ उनकी सरकार के भीतर चल रहे खेल हर रोज बाहर आ रहे हैं. अब नीतीश की पार्टी के एक मंत्री का ऑडियो वायरल हुआ है. इसमें वे अपने समर्थकों से कह रहे हैं कि सरकार में शामिल एक दूसरे मंत्री का पुतला जलाओ, उसके खिलाफ में लिखो. ये ऑडियो मंत्री रत्नेश सदा का है, जो वायरल हुआ है. वैसे, फर्स्ट बिहार इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.


क्या है मामला

बिहार सरकार में जेडीयू के मंत्री हैं रत्नेश सदा. सरकार से जब जीतन राम मांझी आउट हुए थे तो रातो रात उन्हें मंत्री बनाया गया था. वे उसी मुशहर जाति से आते हैं, जिस जाति के जीतन राम मांझी है. रत्नेश सदा का ऑडियो वायरल हुआ है. इसमें एक समर्थक उनसे फोन पर बात कर रहा है. समर्थक कह रहा है कि भीम संसद में मंत्री रत्नेश सदा के साथ जो किया गया, वह बेहद गलत किया गया. रत्नेश सदा को भाषण देते समय हाथ पकड़ कर बिठा दिया गया.


मंत्री का समर्थक उनसे कह रहा है कि भीम संसद क्या सिर्फ अशोक चौधरी का था. इसमें मुशहर जाति के लोग शामिल नहीं थे. फिर अशोक चौधरी ने ऐसा सलूक क्यों किया. मंत्री का समर्थन उनसे कह रहा है कि अगर हम लोग आगे बैठे होते तो ईंट-पत्थर चला देते. 


मंत्री ने कहा-पुतला फूंको, विरोध में लिखो

अपने समर्थक से बात कर रहे मंत्री रत्नेश सदा इस वायरल ऑडियो में ये कहते हुए सुने जा रहे हैं कि अशोक चौधरी का पुतला जलाओ. उसके खिलाफ में लिखो. समर्थक को कम से कम दो बार कह रहे हैं कि मंत्री अशोक चौधरी का पुतला जलाओ. मंत्री अपनी बात को रिपीट भी कर रहे हैं.


दरअसल मामला जेडीयू के भीम संसद से जुड़ा है. 26 नवंबर को पटना में जेडीयू की ओर से दलितों का सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसे भीम संसद का नाम दिया गया था. इसका सारा श्रेय नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ले गये. अशोक चौधरी इस कार्यक्रम के आय़ोजन में जी-जान से लगे थे. कार्यक्रम सफल रहा तो इसका श्रेय उन्हें दिया जा रहा है. जाहिर है जेडीयू के दूसरे मंत्रियों को अशोक चौधरी की वाहवाही रास नहीं आ रही है. लिहाजा अब बात ये हो रही है कि अपनी ही पार्टी के दूसरे मंत्री का पुतला फूंकवाया जाये.