नीतीश की मेहरबानी से सरकारी बंगले में रह रहे मुकेश सहनी एहसान भूले.. JDU को ही तोड़ना शुरू कर दिया

नीतीश की मेहरबानी से सरकारी बंगले में रह रहे मुकेश सहनी एहसान भूले.. JDU को ही तोड़ना शुरू कर दिया

PATNA : राजनीतिक विश्वसनीयता का संकट झेल रहे मुकेश सहनी ने अब जेडीयू को डैमेज करना शुरू कर दिया है। एनडीए से बेदखल किए जाने के साथ मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटा दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी मुकेश सहनी से इस कदर परेशान हो चुकी थी कि उसने वीआईपी के सभी विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा दिया। लेकिन इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहीं ना कहीं सहनी के साथ नजर आए थे। मुकेश सहनी को लेकर नीतीश का सॉफ्ट कॉर्नर ही है जिसकी वजह से मंत्री पद जाने के बावजूद सहनी अभी सरकारी बंगले में बने हुए हैं। यह बात भूलना नहीं चाहिए कि नीतीश कुमार की नजर टेढ़ी होते ही आरसीपी सिंह का बंगला चला गया था लेकिन मुकेश सहनी उसी बंगले के ठीक पास वाले बंगले में अभी भी आशियाना बनाए बैठे हैं, तो वजह केवल एक है कि नीतीश कुमार की मेहरबानी मुकेश सहनी पर है।


सीएम नीतीश की मेहरबानी का भी असर मुकेश सहनी पर नहीं दिखा। बीजेपी को दम भर कोसने वाले मुकेश साहनी में अब जनता दल यूनाइटेड को भी डैमेज करना शुरू कर दिया है। मुकेश सहनी की नजर जेडीयू के ऐसे नेताओं पर है जिन्हें वह अपनी पार्टी में शामिल करा सकते हैं। इसी कड़ी में मुकेश सहनी ने गोपालगंज से आने वाले कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल भी कराया है। सहनी इस दौरान बीजेपी और जेडीयू दोनों पर हमलावर नजर आए हैं। जेडीयू को खरी-खोटी सुनाते वक्त सहनी यह भी भूल गए कि नीतीश कुमार की मेहरबानी सही उनके पास अभी सरकारी बंगला है।


जेडीयू को लेकर मुकेश साहनी के रवैया से अब नीतीश कुमार की पार्टी के नेता भी परेशान हैं। जेडीयू के शीर्ष नेताओं को ऐसा लगने लगा है कि मुकेश सहनी के साथ नरम रुख अख्तियार करना भारी पड़ सकता है। जेडीयू के नेता यह नहीं भूले हैं कि मुकेश सहनी किस तरह महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल हुए थे। 2020 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले महागठबंधन की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव का विरोध कर दिया था जिसमें सीट शेयरिंग को लेकर ऐलान हुआ। तब मुकेश सहनी ने तेजस्वी पर आरोप लगाया था कि उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया है। मुकेश सहनी के साथ सबसे बड़ी समस्या उनकी रराजनीतिक विश्वसनीयता को लेकर है और भारतीय जनता पार्टी भी इसका परिणाम भुगत चुकी है। जिस बीजेपी ने मुकेश सहनी को बिहार में मंत्री बनवाया उनकी पार्टी के 4 विधायकों की जीत में बड़ी भूमिका निभाई, उसी बीजेपी के खिलाफ सहनी उत्तर प्रदेश में अपना झंडा लेकर उतर गए। योगी सरकार के ऊपर खूब हमले बोले, नतीजा यूपी का चुनाव खत्म होते ही बीजेपी ने सहनी को ठिकाने लगा दिया। लेकिन अब सहनी के निशाने पर नीतीश कुमार हैं और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड है। ऐसे में देखना होगा कि सहनी का सरकारी बंगला कब तक बच पाता है।