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नीतीश की जिद के कारण हो रही दुर्दशा, प्रशांत किशोर बोले- सत्ता मिलते ही चुप हो जाती है BJP-RJD

1st Bihar Published by: Updated Thu, 15 Dec 2022 03:18:54 PM IST

नीतीश की जिद के कारण हो रही दुर्दशा, प्रशांत किशोर बोले- सत्ता मिलते ही चुप हो जाती है BJP-RJD

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MOTIHARI: छपरा में जहरीली शराब से अबतक 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। छपरा जहरीली शराबकांड को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर, जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ बीजेपी और आरजेडी पर जोरदार हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार की जिद के कारण बिहार के लोगों की आज यह दुर्दशा हो रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरजेडी जब सत्ता मिल जाती है तो वे चुप्पी साध लेते हैं और जैसे ही विपक्ष की भूमिका में आते हैं, शराबबंदी को लेकर हायतौबा मचाने लगते हैं। शराबबंदी के खिलाफ अगर सबसे पहले किसी ने आवाज उठाई थी तो वह प्रशांत किशोर ने उठाया था।


प्रशांत किशोर ने कहा कि छपरा की घटना से दुखद कोई घटना नहीं हो सकती है। सरकार की गलत नीति के कारण आज इतने लोगों की जान चली गई। पीके ने कहा कि शराबबंदी पर अगर किसी ने सबसे पहले आवाज उठाने का काम किया तो वह प्रशांत किशोर ने किया था। बीजेपी के लोग आज जो विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं, उन्हीं लोगों ने पांच साल तक सत्ता में नीतीश के साथ बैठकर शराबबंदी का समर्थन किया था। बीजेपी के लोगों को भी बताना चाहिए कि जब वे सत्ता में थे तो शराबबंदी को खत्म कराने के लिए क्या किया। बिहार के जो भी राजनीतिक दल है उन्हें पहले ये बताना चाहिए कि शराबबंदी पर उनका क्या स्टैंड है।


आरजेडी और तेजस्वी यादव जबतक विपक्ष में थे तो हल्ला मचाते थे कि शराबबंदी फेल है और जब सरकार में आ गए तो शराबबंदी उन्हें ठीक लगने लगी है। जो काम आरजेडी के लोग करते थे आज वही काम बीजेपी के लोग कर रहे हैं। बीजेपी के लोग सरकार में थे तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी और आज जब सत्ता से बाहर हुए हैं तो शराबबंदी पर हायतौबा मचा रहे हैं। आज जब छपरा में बड़ी घटना हो गई तो लोगों का ध्यान इसपर गया है लेकिन इससे पहले भी बिहार में शराब से मौतें होती रही हैं। एक्का दुक्का शराब से हुई मौतों को पुलिस और प्रशासन के स्तर पर दबा दिया जाता है। 


गरीब परिवार के लोगों को इस बात को कहकर डराया धमकाया जाता है कि अगर वे जहरीली शराब से होने वाली मौत को लेकर आवाज उठाएंगे तो उनपर शराबबंदी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में ज्यादातर परिवार परिजनों की मौत के बाद उस घटना का केस तक दर्ज नहीं करा पाते हैं। पीके ने कहा कि जब से वे पदयात्रा कर रहे हैं तबसे कोई ऐसे ब्लॉक नहीं मिला है जहां कि शराब से मौत नहीं हुई है। बिहार में शराब से मौत रोजाना की बात हो गई है। शराबबंदी बिहार में पूरी तरह से फेल है और नीतीश कुमार की जिद के कारण राज्य की यह दुर्दशा हो रही है। बिहार के हर गांव में शराब बिक रही है और सरकार दावा कर रही है कि शराबबंदी सफल है।