PATNA : भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में जनसंख्या नियंत्रण कानून न शामिल है. केंद्र से लेकर प्रदेश तक के बीजेपी नेता इस कानून की जरूरत बता चुके हैं. लेकिन अब बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में बीजेपी ने नीतीश सरकार के सामने बड़ा दांव खेल दिया है. बीजेपी विधायकों ने आज बिहार विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नीतीश सरकार से जवाब मांगा है.
बीजेपी विधायक विजय कुमार खेमका, अवधेश सिंह, विनय कुमार चौधरी और डॉ सुनील कुमार ने ध्यानाकर्षण के जरिए बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार की नीति क्या है. इस पर जवाब मांगा है. बीजेपी विधायकों की तरफ से लाई गई. ध्यानाकर्षण सूचना में यह कहा गया है कि देश में बढ़ती हुई जनसंख्या को लेकर बिहार में भी अगले 50 वर्षों के हिसाब से नीति तय करने की आवश्यकता है.
विधायकों ने कहा कि सीमित संसाधन पर विस्फोटक की जनसंख्या वृद्धि के कारण संसाधन कम पड़ने लगा है. कृषि योग्य भूमि का आवासीय उपयोग होने लगा है और पानी का भी दो अधिक हो रहा है. जनसंख्या की वजह से पानी का जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है और पर्यावरण पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है. ऐसे में आम आदमी को स्वच्छ हवा भी नहीं मिल पा रही है.
जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों का प्रावधान समुदाय क्षेत्र और जाति सभी पर समान रूप से लागू करने की आवश्यकता है. साल 1999 के करुणाकरण कमेटी के सुझावों को लागू करने की आवश्यकता है. सरकार महिलाओं को शिक्षित कर जनसंख्या पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रही है. लेकिन पर्यावरण संरक्षण और सीमित संसाधन के हिसाब से जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों का प्रावधान हो इसकी मांग बीजेपी विधायकों ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए विधानसभा में रखी है.
बीजेपी विधायकों की तरफ से लाई गई इस ध्यानाकर्षण सूचना पर सरकार ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है. सरकार की तरफ से सदन में इस जवाब के लिए समय की मांग की गई है. विधानसभा अध्यक्ष ने ध्यानाकर्षण सूचना पर सरकार के जवाब को फिलहाल स्थगित कर दिया है. सरकार को समझ में नहीं आ रहा है कि ध्यानाकर्षण के जरिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जो मांग बीजेपी विधायकों ने रखी है. इस मसले पर कैसे जवाब दिया जाए.