PATNA : बिहार के सियासी गलियारे में एक तरफ जहां नीतीश कुमार के केंद्र में जाने की खूब चर्चा हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए में नेतृत्व के सवाल को लेकर एक बार फिर से बीजेपी और जेडीयू के बीच ठनती नजर आ रही है। दरअसल, यह सारा विवाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के हालिया बयान से शुरू हुआ है। उपेंद्र कुशवाहा ने हाल ही में यह बयान दिया था कि बिहार में जब तक एनडीए गठबंधन रहेगा बीजेपी और जेडीयू एक साथ रहेंगे, तब तक नीतीश कुमार का ही नेतृत्व रहेगा। कुशवाहा ने कहा था कि 2025 में भी नीतीश का ही नेतृत्व रहेगा। उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं के तेवर सख्त हो गए हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा खुद अपनी राजनीति की गारंटी नहीं दे सकते। वह बिहार में एनडीए नेतृत्व को लेकर आगे की बात क्यों कर रहे हैं। संजय जायसवाल ने कहा है कि साल 2025 में किस का नेतृत्व होगा, यह एनडीए में शामिल घटक दल मिल बैठकर तय करेंगे। फिलहाल नीतीश कुमार का नेतृत्व है यह बात सभी जानते हैं। इतना ही नहीं उपेंद्र कुशवाहा से संजय जायसवाल ने सीधा सवाल करते हुए पूछा है कि वह 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश के नेतृत्व का विरोध क्यों कर रहे थे। आज जिस तरह नीतीश के नेतृत्व की कुशवाहा गारंटी दे रहे हैं, क्या वह इस बात की गारंटी दे सकते हैं कि 2025 और उसके बाद भी कुशवाहा नीतीश के साथ रहेंगे।
संजय जायसवाल की तरफ से सवाल पूछे जाने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने भी पलटवार किया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बीजेपी नेताओं को राजनीतिक समझ होनी चाहिए। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि 2020 के चुनाव में वह नीतीश कुमार के विरोध में खड़े थे। ऐसे में उनका धर्म बनता था कि वह नेतृत्व पर सवाल करें लेकिन अब अगर वह नीतीश कुमार के साथ हैं तो इस बात को कहने में उन्हें कोई गुरेज नहीं कि साल 2025 में भी नीतीश का ही नेतृत्व रहेगा। कुशवाहा ने बीजेपी नेताओं को यह भी नसीहत दी है कि वह बोचाहां उपचुनाव के बीच कंफ्यूजन क्रिएट न करें, इसका खामियाजा उन्हें ही भुगतना पड़ेगा क्योंकि वहां बीजेपी चुनाव लड़ रही है। कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश के नेतृत्व पर सवाल खड़े हुए तो वहां चुनाव में इसका असर पड़ सकता है।