PATNA : तेजस्वी की बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर नीतीश के मंत्री ने तंज कसते हुए बेरोजगारी की परिभाषा ही बदल डाली है। मंत्री जी को देश में बेरोजगारी नजर नही आती वे इसे कामचोरों का फंडा बताते हैं।
बीजेपी नेता और नीतीश सरकार के कला-संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार की नजर में देश में कोई बेरोजगारी नहीं है उनका मानना है कि जो काम करने वाले लोग नहीं हैं वे ही बेरोजगारी की बात करते हैं। उनकी नजर में रोजगार की भरमार है। मंत्री जी कहते हैं कि फैक्टरी लगाना ही रोजगार का जरिया नहीं होता है बिहार में किसान भी खुशहाल है। लगता है इन बयानों से मंत्री जी स्पष्ट कर देना चाहते है कि सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने में सक्षम नहीं है। बेरोजगार खेती-खलिहानी के जरिए अपने रोजी-रोटी का रास्ता खोज लें। हालांकि मंत्री जी बेरोजगारी पर अपना फंडा पेश करते हुए ये भी कहते हैं कि जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है। यानि मंत्री जी की नजर में जनसंख्या और बेरोजगारी का अन्योन्याश्रय संबंध है।
वहीं प्रमोद कुमार ने तेजस्वी यादव की बेरोजगारी हटाओ यात्रा पर तंज कसते हुए कहते हैं कि उन्हें तो बेरोजगारी हटाओ यात्रा निकालने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। जिसके माता-पिता लालू-राबड़ी ने 15 सालों तक बिहार में शासन किया उन्होनें बेरोजगारी क्यों नहीं दूर कर दिया। उन्होनें कहा कि राजद ने पन्द्रह सालों में क्या कुछ किया सबको पता है। बिहार में अपहरण-लूट-रंगदारी-बलात्कार जैसी घटनाएं ही अन पन्द्रह सालो में हुई और तो और कई घोटालों का गवाह बना था लालू राबड़ी सरकार। आज उनके सुपुत्र बेरोजगारी हटाओ का संदेश दे रहे हैं।
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