नीतीश के मन में क्या है? तेजस्वी के बाद अब चिराग के लिए उमड़ा प्यार, पास बुलाकर दिया आशीर्वाद

नीतीश के मन में क्या है? तेजस्वी के बाद अब चिराग के लिए उमड़ा प्यार, पास बुलाकर दिया आशीर्वाद

PATNA: बिहार में सियासी इफ्तार पार्टियों के बहाने क्या नीतीश कुमार नया सियासी पुलाव पकाना चाह रहे हैं. इफ्तार के बहाने तेजस्वी के लिए नीतीश का प्यार पहले से ही चर्चे में है. अब एक और भतीजे चिराग पासवान के लिए भी उनका प्यार उमड़ा. नीतीश कुमार अब चिराग पासवान को भी ढ़ूढ़ रहे हैं. उन्हें पास में बुलाकर आशीर्वाद दे रहे हैं. हम बता दें कि ये वही चिराग पासवान है, जिन्हें नीतीश ही नहीं बल्कि उनकी पूरी पार्टी पिछले दो साल से अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान रही है.


मांझी की इफ्तार पार्टी का नजारा जानिये

शुक्रवार की शाम पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इफ्तार पार्टी का आय़ोजन किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसमें चीफ गेस्ट जैसी हैसियत से मौजूद थे. इफ्तार पार्टी में मंच बना था और उसके बीचो बीच नीतीश कुमार के लिए खास कुर्सी भी लगायी गयी थी. नीतीश पहुंचे और उसी कुर्सी पर विराजमान हो गये. उसी इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान भी शिरकत करने पहुंचे. नीतीश कुमार की कुर्सी से कुछ दूरी पर यानि 5-6 कुर्सियां छोड़कर चिराग पासवान बैठे थे. वे उस पार्टी में वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के साथ पहुंचे थे. चिराग औऱ मुकेश सहनी दोनों साथ बैठे थे. 


नीतीश ने खास तौर पर बुलाया

कुछ देर बाद नीतीश कुमार की नजर दूर बैठे चिराग पासवान पर पड़ी. नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी की पार्टी के एक नेता को बुलाया और चिराग पासवान को बुलाने को कहा. वैसे नीतीश चिराग पासवान को बुलाने का इशारा कर रहे थे तो पहले मुकेश सहनी को लगा कि सीएम उन्हें याद कर रहे हैं. लेकिन नीतीश ने फिर से चिराग की ओर इशारा किया. चिराग ने पहले वहीं से नीतीश को हाथ जोड़ कर प्रणाम किया. लेकिन नीतीश ने पास आने का इशारा दिया.


उसके बाद चिराग पासवान नीतीश कुमार के पास पहुंचे और उनके पैर छूकर प्रणाम किया. चिराग उन्हें प्रणाम कर वापस जाने की तैयारी में थे तो नीतीश ने उनसे बातचीत शुरू की. नीतीश कुमार और उनके पास बैठे जीतन राम मांझी कुछ देर तक चिराग पासवान से बात करते रहे.


नीतीश का चिराग प्रेम

वैसे इससे पहले तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी में भी नीतीश कुमार औऱ चिराग पासवान की मुलाकात हुई थी. लेकिन उसमें चिराग पासवान खुद चलकर नीतीश कुमार के पास गये थे. चिराग ने तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में जब नीतीश कुमार के पैर छुए थे तो नीतीश के चेहरे का भाव देखने लायक था. वहां बैठे लोगों को साफ दिख रहा था कि चिराग जबरदस्ती नीतीश से बात करने में लगे हैं. लेकिन मांझी की इफ्तार पार्टी में नजारा बदल गया.


दरअसल पिछले दो साल का वाकया ही ऐसा है. 2020 की शुरूआत से चिराग पासवान नीतीश कुमार के सबसे बड़े दुश्मन बने हुए हैं. चिराग सैकड़ो दफे खुद ये कह चुके हैं उन्होंने नीतीश कुमार से बात करने के लिए दर्जनों दफे सीएम आवास में कॉल किया लेकिन एक दफे भी नीतीश कुमार ने बात नहीं की. चिराग पासवान ने सैकड़ों पत्र नीतीश कुमार को भेजे होंगे लेकिन किसी पत्र का नोटिस नीतीश कुमार ने नहीं लिया.


ये जगजाहिर है कि नीतीश कुमार 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग को पूरी तरह से निपटा देने की तैयारी में थे. उनके दवाब में आयी बीजेपी ने चिराग को सिर्फ 15 सीट का ऑफर दिया था, जिसके बाद चिराग ने अकेले चुनाव मैदान में उतरने का फैसला लिया था. नीतीश और उनकी पूरी पार्टी कहती रही है कि चिराग पासवान ने भ्रम फैला कर वोटरों को दिग्भ्रमित कर दिया, इसके कारण ही विधानसभा चुनाव में जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गयी. उसके बाद भी नीतीश कुमार चिराग पासवान से बदला लेने की हर कोशिश में लगे रहे. चिराग के चाचा समेत उनकी पार्टी के पांच सांसदों को तोडने में नीतीश कुमार की ही भूमिका रही. चर्चा ये होती रही है कि चिराग के चाचा पशुपति पारस जेडीयू के कोटे से ही केंद्र सरकार में मंत्री बने.


इन तमाम वाकयों के बाद नीतीश कुमार का चिराग प्रेम दिलचस्प है. बिहार की सियासत को समझने वाले जानते हैं कि नीतीश का कोई कदम बेमकसद नहीं होता. लेकिन नीतीश के दिमाग में क्या है ये समझना भी बेहद मुश्किल होता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार आगे क्या करने जा रहे हैं.