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1st Bihar Published by: Updated Fri, 08 Apr 2022 02:28:14 PM IST
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PATNA : 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड जब तीसरे नंबर की पार्टी बनी तो नीतीश कुमार ने आत्ममंथन का सिलसिला शुरू किया। नीतीश कुमार ने चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के 43 सीटों पर सिमट जाने की समीक्षा की तो उनकी समझ में यह बात आ गई कि लव-कुश जैसा पुराना समीकरण उनका साथ छोड़ चुका है। लिहाजा नीतीश ने सबसे पहले अपना तीर उपेंद्र कुशवाहा पर चलाया। उपेंद्र कुशवाहा भले ही विधानसभा चुनाव में एक सीट पर भी जीत हासिल ना कर पाए हो लेकिन जेडीयू की हार की वजह वह कई सीटों पर बनें। आखिरकार नीतीश की सियासी सोच कामयाब हुई और कुशवाहा अपनी पार्टी के साथ जेडीयू में भी लेकर गए उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश ने विधान परिषद भेजा और उन्हें पार्टी का संसदीय बोर्ड अध्यक्ष भी बना दिया। नीतीश कुमार पुराने लव कुश समीकरण के बूते ही बिहार की राजनीति में एक बार फिर अपनी पार्टी की पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा को कमान देने के पीछे भी यही वजह रही लेकिन अब नीतीश के इस समीकरण को उनके ही सहयोगी बीजेपी ने साधने की तैयारी शुरू कर दी है।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं ने आज सम्राट अशोक जयंती के मौके पर जो बातें कहीं वह बताता है कि नीतीश के लव-कुश समीकरण की हवा बीजेपी भविष्य में कैसे निकालने वाली है। सम्राट अशोक को राजनीतिक दल कुशवाहा समाज से जोड़कर देखते हैं। यही वजह है कि बीजेपी की तरफ से उसके मंत्री सम्राट चौधरी लगातार सम्राट अशोक जयंती का आयोजन करते आ रहे हैं। पटना के बापू सभागार में भी आज इसका आयोजन हुआ तो बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से लेकर प्रदेश स्तर तक के तमाम बड़े नेता इसमें शामिल हुए। लगभग 5000 बीजेपी कार्यकर्ताओं और कुशवाहा समाज से ताल्लुक रखने वाले नेताओं की मौजूदगी में ऐलान हो गया कि अगले साल पटना के गांधी मैदान में सम्राट अशोक जयंती का आयोजन किया जाएगा।
दरअसल, नीतीश के पुराने सहयोगी और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कुशवाहा समाज बीजेपी के साथ जुड़ रहा है। लव कुश भगवान राम की संतान रहे हैं और राम को लेकर सबसे ज्यादा आस्था किसने दिखाई यह बात उत्तर प्रदेश में साबित हो चुकी है। सुशील मोदी ने कहा कि अगले साल गांधी मैदान में सम्राट अशोक की जयंती मनाई जानी चाहिए। एक तरफ बीजेपी ने जहां सम्राट अशोक जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू ऐसे किसी आयोजन से दूर रह गया। जाहिर है उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश जिस मकसद से अपने साथ लेकर आए थे उस मकसद पर बीजेपी ने पानी फिरने की प्लानिंग कर ली है। ऐसे में समय रहते अगर कुशवाहा और नीतीश नहीं चेते तो पुराना समीकरण तो दूर आगे पुराना चुनावी प्रदर्शन दोहराना भी मुश्किल हो जाएगा।