PATNA : बिहार में पूर्ण रूप से शराबबंदी है. शराबबंदी कानून की सफलता को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से तमाम छोटे-बड़े हथकंडे अपनाये गए. लेकन पटना से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो सरकारी तंत्र पर कई सारे सवाल खड़ा कर रही है. किसी ने सोचा नहीं होगा कि पटना में शराब माफियाओं के खिलाफ शिकायत करने पर आपको घर छोड़ना पड़ जायेगा. लेकिन ऐसा ही कुछ पटना में देखने को मिला है.
घटना पटना जिले के दनियावां थाना इलाके की है. जहां शराब माफियाओं के खिलाफ शिकायत करना एक महात्मा को भारी पड़ गया. महात्मा ने पुलिस के ऊपर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. दरअसल यह घटना सलालपुर के रहने वाले अमित कुमार उर्फ महात्मा जी जुडी हुई है. जो आज कल अपनी पत्नी और एक मासूम बच्चे को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.
पीड़ित महात्मा अमित कुमार का कहना है कि उसने कुछ ही दिन पहले शराब माफियाओं के खिलाफ शिकायत की थी. जिसके बाद बीती रात उनके घर में कुछ शराब माफियाओं ने हमला बोला. उनके घरवालों के साथ मारपीट की गई और उनकी हत्या करने की धमकी दी गई. उनकी मानें तो शराब माफिया अपने इलाके में पुलिस के खासमखास बने हुए हैं. लाख शिकायत के बावजूद भी पुलिसवाले उनके खिलाफ आवेदन तक स्वीकार नहीं करते हैं.
पीड़ित महात्मा अमित कुमार की पत्नी पिंकी देवी अपनी गोद में एक मासूम बच्चे को लेकर इधर-उधर भटक रही है. दोनों ने कुछ समय के लिए पटना के इस्कॉन मंदिर में बसेरा लिया, लेकिन उनको वहां से भी निकाल दिया. राजधानी की सड़कों पर पैदल ठोकरें खा रहे पति-पत्नी भूख से तड़प रहे हैं. राहगीरों से अपनी परेशानियों को बता रहे हैं. मासूम बच्चे की भूख मिटाने के लिए हर किसी की ओर एक उम्मीद की निगाहों से देख रहे हैं.
अमित कुमार का कहना है कि 20 जनवरी को 10 बोरा शराब उन्होंने शराब माफिया के पास से बरामद करवाया था. जिसके बाद से शराब माफिया उनपर हावी हो गए. उनको गांव से बाहर निकाल दिए. लेकिन फिर भी अमित के हौसले की दाद देनी होगी. क्योंकि तड़पते बच्चे और बिखलती पत्नी को लेकर ठोकरें खाने के बावजूद भी उनका कहना है कि चाहे मेरी जान चली जाये, चाहे मारपीट कर मेरा मर्डर कर दिया जाये, लेकिन फिर बह मैं शराबबंदी की इस मुहीम को आगे तक ले जाऊंगा. मैं वापस गांव लौटना चाहता हूँ और शराब माफियाओं के काले धंधे को बंद कराया चाहता हूँ. अंत में आंखों में आंसू भरे अमित ने कहा कि कोई साथ दे या ना दे, मैं संघर्ष करता रहूंगा...