PATNA : रिश्वत लेने के मामले में बिहार में बड़ी कार्रवाई हुई है. एनआईए के एक डीएसपी अजय प्रताप सिंह और उनके दो एजेंट को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। इसके बाद अब इस मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया है। इस एफआईआर के जरिए बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई ने 29 पेज की एफआईआर में रिश्वतकांड का पूरा ब्योरा दिया है।
सीबीआई ने एफआईआर में यह बताया है कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव उर्फ राकेश रंजन को फंसाने की धमकी देकर 3 करोड़ की घूस मांगी थी। डीएसपी ने रॉकी को उसके घर से बरामद हथियारों में एके-47 रखने और नक्सली पर्चा में नाम लिख फंसाकर जेल भेजने की धमकी थी। इससे बचाने के एवज में उससे इतनी बड़ी रकम मांगी थी। डीएसपी ने रॉकी को यह धमकी 24 सितंबर को पटना स्थित जांच एजेंसी के कार्यालय में बुलाकर दी थी।
सीबीआई के अनुसार रॉकी ने 3 अक्टूबर को उसके नई दिल्ली स्थित मुख्यालय एसपी के ई-मेल पर 6 पेज की शिकायत भेजी थी। इसकी पड़ताल करने के बाद सीबीआई की टीम ने गुरुवार की देर शाम एनआईए डीएसपी को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। डीएसपी ने धमकी दी थी कि तीन करोड़ नहीं देने पर रॉकी के साथ उसकी मां मनोरमा देवी को भी तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जा सकता है।
वहीं, आरोपी डीएसपी ने रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर 50 लाख रुपये देने को कहा। रॉकी ने इतने पैसे तुरंत देने में असमर्थता जाहिर की तो इसे घटाकर 25 लाख कर दी। 26 सितंबर को यह राशि ली गई। रॉकी को एक अक्टूबर को फिर एनआईए दफ्तर बुलाया गया। दूसरी किस्त के तौर पर डीएसपी ने 70 लाख देने को कहा। सौदा 35 लाख पर तय हुआ।
इसके बाद शेष 35 लाख 3 अक्टूबर को गया के आसपास देना तय हुआ था। इसी क्रम में डीएसपी हत्थे चढ़ गया। सीबीआई को तमाम सबूत रॉकी ने पटना के एक होटल में सौंपे। इसमें डीएसपी के खिलाफ ऑडियो, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज हैं जिससे 3 करोड़ घूस मांगने की पुष्टि हुई। उसके बाद अब एनआईए के घूसखोर डीएसपी अजय प्रताप सिंह पर एक्शन लिया गया है।
इधर, सीबीआई की पटना स्थित विशेष अदालत के जज सुनील कुमार-2 ने शनिवार को एनआईए डीएसपी अजय प्रताप सिंह समेत तीन आरोपियों को चार दिनों की सीबीआई रिमांड पर सौंप दिया। जांच एजेंसी बेऊर जेल में बंद डीएसपी अजय, उनके एजेंट हिमांशु सिंह और दीपू सिंह से पूछताछ करेगी। डीएसपी को दोनों के साथ 20 लाख घूस लेते गिरफ्तार किया गया था।