NH-2 पर कभी भी बंद हो सकता है परिचालन, ओवरलोडेड वाहनों से परेशान NHI ने बिहार के अधिकारियों को दी चेतावनी

NH-2 पर कभी भी बंद हो सकता है परिचालन, ओवरलोडेड वाहनों से परेशान NHI ने बिहार के अधिकारियों को दी चेतावनी

KAIMUR : कोलकाता से दिल्ली  को जोड़ने वाली पुराने जीटी रोड यानी NH-2  पर किसी भी वक्त गाड़ियों का परिचालन बंद हो सकता है. ओवरलोडेड वाहनों से खतरे की आहट को देखते हुए एनएचआई ने अधिकारियों के नाम पत्र जारी करते हुए बताया है कि बिहार के कैमूर जिला को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाली कर्मनाशा नदी के पुल पर बने स्टील ब्रिज का परिचालन कभी भी बंद हो सकता है. 

इसे लेकर एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कर्नल योगेश गढ़वाल ने कैमूर और रोहतास जिले के एसपी, डीएम सहित आईजी और सचिव को पत्र लिखा है. वहीं ओवरलोडेड ट्रक रोके जाने के बाद से भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. 30 किलोमीटर तक गाड़ियों की लाइन लग गई है. 

बता दें कि एनएचआई द्वारा करमनासा नदी पर पुल बनाया गया था, जो ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन के कारण दिसंबर माह में टूट गया. इसके बाद एनएचआई ने 25 करोड़ की लागत से जनवरी मे डायवर्सन बनाया, लेकिन  पानी के बढ़ते दबाव के कारण सात माह बाद ही डायवर्सन को तोड़कर पानी को रास्ता देना पड़ा. अब डायवर्सन के जगह पर 15 करोड़ की लागत से एनएचआई ने स्टील ब्रिज बनाया है, लेकिन स्टील ब्रिज पर 55 टन क्षमता तक के ही वाहन जा सकते हैं. पर ओवरलोडेड वाहनों को देखते हुए एनएचआई ने खुद पुल के पास टीम को तैनात किया है जो ओवरलोडेड वाहनों को रोक दे रहे हैं.  जिसके बाद बालू लदे ओवरलोड वाहनों की लंबी कतार खड़ी हो गई है. एनएचआई द्वारा मोहनिया टोल प्लाजा पर 55 टन से अधिक लदे बालू लदे ओवरलोड वाहनों को साइड करा कर बालू को कम करवाने के बाद ही पार कराया जा रहा है. जिससे 30 किलोमीटर तक जाम लग गया है.

 एनएचआई के प्रोजेक्ट मैनेजर नागेश ने बताया कि किसी भी हालत में हम ओवरलोड वाहन को गुजरने नहीं देंगे. ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन से  स्टील ब्रिज कभी भी ध्वस्त हो सकता है, जिसके बाद बिहार का संपर्क आधा दर्जन से अधिक राज्यों से कट जाएगा. अगर जिला प्रशासन ओवरलोडेड वाहनों पर लगाम नहीं लगाता है तो पूरी तरह से परिचालन को बंद करना पड़ेगा, जिसे लेकह हम लोगों ने कैमूर, रोहतास के डीएम, एसपी, आईजी और सचिव को पत्र लिखकर आगाह कर दिया है कि कभी भी ओवरलोडेड वाहनों के कारण परिचालन बंद करना पड़ सकता है नहीं तो प्रशासन उन्हें रोकने में मदद करे.