PATNA: अंगदान महादान है...बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का यही कहना है। उन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने का संकल्प लिया है। उनका कहना है हर किसी को यह संकल्प लेना चाहिए। उनके जाने के बाद उनका अंग किसी के काम आए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। उन्होंने यह संकल्प पूरी परिवार की सहमति से लिया है। बता दें कि नंदकिशोर यादव पटना साहिब से विधायक हैं।
उनका कहना है कि कॉलेज के समय से ही वे ब्लड डोनेट करते आ रहे हैं। अब उन्होंने नेत्रदान करने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर दधीचि देहदान समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के स्वैच्छिक नेत्रदान की घोषणा की। बिहार विधानसभा के वाचनालय में आयोजित कार्यक्रम में दधीचि देहदान समिति की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया।
मंच को संबोधित करते हुए नंदकिशोर यादव ने कहा कि समाज ने जो कुछ दिया है उसे चुकाने की कोशिश कर रहे हैं। मृत्यु के बाद नेत्रदान करने का संकल्प लिया है। उन्होंने अन्य लोगों से भी अंगदान करने की अपील की। कहा कि किसी की मौत के बाद यदि किसी व्यक्ति को जिन्दगी मिलती है तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकता है। अंगदान से पीड़ित मानवता को मदद मिलती है।
बता दें कि दधिचि देहदान समिति और मां वैष्णो देवी सेवा समिति के संरक्षक रहे सुशील कुमार मोदी ने बिहार में अंगदान व देहदान को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किये थे लेकिन कैंसर के कारण मेडिकल छात्रों की पढ़ाई या मरीजों के लिए उनके अंग नहीं लिए जा सके। बिहार के डिप्टी सीएम बनने के बाद सुशील मोदी की सक्रियता से नेत्रदान और देहदान बढ़ा था। इसी दौरान उन्होंने अपने शरीह को भी दान करने का संकल्प लिया था।