DELHI: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक जारी है हालांकि इस बैठक में शामिल होने पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक छोड़कर बाहर निकल गई हैं। ममता ने आरोप लगाया है कि मीटिंग में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया और पांच मिनट में ही उनकी माइक को बंद कर दिया गया हालांकि ममता का दावा पूरी तरह से गलत बताया जा रहा है।
दरअसल, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले नीति आयोग की बैठक का इंडिया ब्लॉक के कई मुख्यमंत्रियों ने बहिष्कार किया है। पक्षपात का आरोप लगाते हुए विपक्ष के कई मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। आज हो रही बैठक में विपक्ष के कई मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए हैं हालांकि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल होने के लिए पहुंची थीं लेकिन गुस्से में तमतमाते हुए बैठक से बाहर निकल गईं।
राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में चल रही बैठक से निकलने के बाद ममता ने कहा कि मैंने बैठक का बहिष्कार कर दिया है। चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए और असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम को 10 से 12 मिनट का समय मिला लेकिन मुझे सिर्फ पांच मिनट बोलने के बाद ही रोक दिया गया। विपक्ष की तरफ से सिर्फ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही थी। इस बैठक में सिर्फ इसलिए शामिल हुई क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत करने में मेरी रूची है।
उन्होंने कहा कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं, मैंने अपना विरोध दर्ज करा दिया और बैठक से बाहर आ गई। बता दें कि सरकारी सूत्रों के मुताबिक, नीति आयोग की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम का माइक बंद होने का दावा सही नहीं है।