PATNA: NEET पेपर लीक मामले से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर मुंबई से आ रही है। जहां सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई की टीम ने मुंबई से सॉल्वर रौनक को गिरफ्तार किया है। मुंबई से गिरफ्तारी के बाद रौनक को आज पटना स्थित स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने उसे 2 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है। अब सीबीआई उससे पूछताछ करेगी। सॉल्वर रौनक राज से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। बता दें कि नीट पेपर लीक मामले में अब तक 39 लोगों को सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है।
बता दें कि इससे पहले 5 मेडिकल छात्र समेत 6 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। पटना एम्स के जिन छात्रों को सीबीआई ने पकड़ा था उन सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। जिसके बाद सीबीआई ने एक अन्य आरोपी रॉकी को भी दबोचा था। आरोपियों से जब पूछताछ की गयी तब पता चला कि बिहार के छात्रों से 35 से 45 लाख और बाहर के कुछ छात्रों से 55 से 60 लाख रुपये में नीट परीक्षा का प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने की बात हुई थी। NEET-UG पेपर लीक मामले में सीबीआई ने इससे पहले तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार मास्टरमाइंड की पहचान शशि पासवान के रूप में हुई थी जबकि दोनों सॉल्वर भरतपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं। इन मेडिकल छात्रों की पहचान कुमार मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार के रूप में की गयी थी।
जिस दिन नीट की परीक्षा आयोजित की गयी थी उस दिन ये आरोपी हजारीबाग में ही मौजूद थे। शशि पासवान को CBI ने NIT-जमशेदपुर से दबोचा है। इसके साथ-साथ दो MBBS छात्रों को भी गिरफ्तार किया गया है। मंगलम बिश्नोई और दीपेंद्र कुमार की भूमिका इस परीक्षा में सॉल्वर की थी। फिलहाल पूरे मामले की अनुसंधान जारी है।
इससे पहले सीबीआई ने धनबाद के कंबाइंड बिल्डिंग से पवन कुमार नामक युवक को पकड़ा था। उसके बाद सीबाआई की टीम इनको साथ लेकर झरिया के सुदामडीह थाना क्षेत्र के नुनूडीह स्थित शहीद गुरुदास चटर्जी फुटबॉल मैदान के समीप भाट तालाब पहुंची। जहां दोनों की निशानदेही पर स्थानीय गोताखारों की मदद से करीब तीन घंटे के प्रयास के बाद तालाब से एप्पल के दो आईफोन समेत सात से अधिक टूटे हुए मोबाइल फोन को बरामद किया। इन सभी मोबाइल फोन को सीमेंट की बोरी में बांधकर तालाब में फेंका गया था। सीबीआई की टीम ने सुदामडीह और पाथरडीह पुलिस की मौजूदगी में सभी मोबाइल फोन अपने साथ ले गई।
जानकारी के अनुसार, पेपर लीक में सीबीआई की कार्रवाई देखकर आरोपियों ने मोबाइल फोन को बोरी में इंसुलेटर और तार से बांधकर तालाब में फेंक दिया था, ताकि कभी भी उसकी जानकारी नहीं मिल सके। बोरी खोलने पर टूटे हुए मोबाइल फोन और दो इंसुलेटर मिले, जिसे बोरी में डालकर तालाब में फेंका गया था। पेपर लीक मामले में इससे पहले भी सीबीआई की टीम झरिया में दबिश दे चुकी है। पेपर को सॉल्व करने के मामले में एम्स पटना के कई छात्रों को हिरासत में लिया गया था। फिलहाल, जिन अभ्यर्थियों को हल किए गए क्वेश्चन पेपर मुहैया कराए गए, उनका पता लगाया जा रहा है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. नीट पेपर लीक कांड में सीबीआई ने अब तक 39 लोगों को गिरफ्तार किया है।