PATNA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार अपनी सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद के साथ शपथ ले सकते हैं। इसमें लगभग 60 मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है। सबसे ज्यादा जगह बिहार को मिल सकती है। इस सरकार में सबसे ज्यादा दलों और सबसे ज्यादा राज्यों का भी प्रतिनिधित्व होगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होने वाले मंत्रियों को सूचना देंगे और सहयोगी दलों के नेताओं को भी इसकी जानकारी देंगे।
रविवार शाम की गोधूलि वेला में नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। चूंकि इस बार भाजपा के पास अपना बहुमत नहीं है और वह गठबंधन के बहुमत के साथ सरकार बना रही है। इसलिए इस बार की सरकार में सहयोगी दलों की संख्या तो ज्यादा होगी ही, मंत्रिपरिषद का आकार भी पिछली दोनों बार की तुलना में ज्यादा बड़ा होगा।
वहीं, इस सरकार में बीजेपी एनडीए के अपने सहयोगी दलों जदयू, हम, लोजपा (रा) और टीडीपी के नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार भाजपा और जदयू से तीन-तीन और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और एलजेपी (आर) से एक-एक मंत्री बनाए जा सकते हैं। सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर लिस्ट तैयार की गई है। वर्तमान में जो जानकारी निकल कर सामने आई है, उसके मुताबिक बिहार से चिराग पासवान (एलजेपी), ललन सिंह (जद-यू) संजय कुमार झा (जद-यू), रामनाथ ठाकुर (जद-यू), सुनील कुमार (जद-यू), कौशलेंद्र कुमार (जद-यू), जीतन राम मांझी (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख) नित्यानंद राय (बीजेपी), राजीव प्रताप रूडी (बीजेपी), संजय जायसवाल (बीजेपी) के नाम प्रमुख हैं।
बताया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे तो बिहार से उनके साथ आठ मंत्रियों को भी शपथ दिलाया जायेगा। इनमे भाजपा से दो कैबिनेट, एक राज्यमंत्री बनाए जाएंगे। जदयू से भी दो कैबिनेट और एक राज्यमंत्री बनाए जाएंगे। एलजेपी(आर) से चिराग पासवान को कैबिनेट और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतनराम मांझी को स्वतंत्र प्रभार के साथ मंत्री बनाया जा सकता है।
आपको बताते चलें कि मोदी ने पहली बार जब वर्ष 2014 में सरकार बनाई थी, तब कुल 46 मंत्री शामिल किए गए थे। इनमें 24 कैबिनेट, 10 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 12 राज्यमंत्री शामिल थे। वर्ष 2019 में भाजपा के 300 सीटें पार करने के बाद मोदी सरकार का आकार भी बढ़ा और मोदी के साथ 58 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इनमें 25 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 24 राज्यमंत्रियों को शामिल किया गया था। इस बार कुल 16 मंत्री चुनाव हार गए हैं और इतने ही और मंत्रियों को हटाए जाने की भी संभावना है।