MUMBAI : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है महाराष्ट्र से जहां बीजेपी ने स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. बीजेपी विधायक किशन कठोरे की नामांकन वापसी के साथ ही महाविकास अघाड़ी के दावेदार नाना पटोले का स्पीकर बनना तय माना जा रहा है. महाराष्ट्र में बहुमत परीक्षण पास करने के बाद स्पीकर पद पर कब्ज़ा करना मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए नई चुनौती मानी जा रही थी. लेकिन बीजेपी कमिटी की इस बड़े फैसले के बाद यह रास्ता और भी आसान हो गया.
महाराष्ट्र के प्रोटेम स्पीकर दिलीप वाल्से पाटिल ने स्पीकर के चुनाव के लिए रविवार की सुबह ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी. जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हिस्सा लेने पहुंचे. भारतीय जनता पार्टी ने किशन कठोरे को मैदान में उतारा था, लेकिन स्पीकर के चुनाव को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में बीजेपी ने स्पीकर पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया.
रविवार की सुबह साढ़े दस बजे नामांकन वापस लेने का वक्त तय था. जिसमें बीजेपी ने यह फैसला लिया कि वह स्पीकर पद के लिए किशन कठोरे का नाम वापस ले रही है. इस तरह कांग्रेस नेता नाना पटोले का निर्विरोध स्पीकर चुना जाना तय माना जा रहा है. उधर, नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में आजतक स्पीकर निर्विरोध चुने गए हैं. यह सिलसिला बरक़रार रहा.
महाराष्ट्र का इतिहास बरकरार
नाना पटोले का निर्विरोध स्पीकर चुने जाने के साथ ही महाराष्ट्र का इतिहास बरकरार रहा. महाविकास अघाड़ी ने कांग्रेस के नाना पटोले को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. पटोले विदर्भ के सकोली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. पटोले ने निर्विरोध चुने जाने की आशा जताई है. पटोले कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गये थे और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. दिसंबर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मतभेदों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.