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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 21 Jul 2024 12:54:20 PM IST
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DELHI: पूरे देश में योगी सरकार के फैसले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। योगी सरकार के नेमप्लेट लगाने वाले फैसले के खिलाफ मुस्लिम संगठन कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने कहा है कि धर्म की आड़ में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल, योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान इस रूट की खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदारों के नाम के साथ नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया है। सरकार के इस आदेश के बाद पूरे देश में इसको लेकर विवाद छिड़ गया है और सियासत भी खूब हो रही है। मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द अब इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का फैसला लिया है।
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने इस आदेश को भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक बताते हुए सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने की बात कही है। इसको लेकर दिल्ली में आज बड़ी बैठक बुलाई गई है। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने कहा है कि उसकी लीगल टीम इस आदेश के कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है। मुस्लिम संगठन ने कहा है कि इस फैसले से संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का हनन होता है।
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के चीफ मौलाना अरशध मदनी ने कहा है कि यह एक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक फैसला है। इस फैसले से देश विरोधी तत्कों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा और इस आदेश के कारण सांप्रदायिक सौहर्द के बड़ा नुकसान पहुंचेगा। संविधान ने देश के नागरिकों को पूरी आजादी दी है कि उन्हें क्या खाना है और क्या पहनना है। यूपी सरकार का आदेश मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला है।