नई सरकार की कैबिनेट में 70 फीसदी मंत्रियों का नाम तय, बाकी पर आज बनेगी बात

नई सरकार की कैबिनेट में 70 फीसदी मंत्रियों का नाम तय, बाकी पर आज बनेगी बात

PATNA : बिहार में चाचा और भतीजे की जोड़ी अपनी दूसरी पारी शुरू कर चुकी है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बुधवार को मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं. शपथ के बाद दोनों ने कैबिनेट की पहली बैठक भी कर ली और विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र भी बुला लिया, लेकिन कैबिनेट के बाकी सदस्यों के शपथ ग्रहण को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. ऐसे में फर्स्ट बिहार आपको जानकारी दे रहा है कि नई सरकार के कैबिनेट के लगभग 70 फ़ीसदी चेहरों को तय कर लिया गया है. जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल में ज्यादातर नामों को तय कर लिया है लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी मंत्रियों की लिस्ट मिलनी बाकी है.


सूत्रों के मुताबिक नीतीश सरकार के नए मंत्रिमंडल में कई ऐसे चेहरे शामिल होंगे जिन्हें अब तक मंत्री बनने का मौका नहीं मिला है. जनता दल यूनाइटेड के कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी भी हो सकती है. आरजेडी की तरफ से कैबिनेट में शामिल होने वाले ज्यादातर नए चेहरे होंगे हालांकि दोनों दलों की तरफ से इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि क्षेत्रीय समीकरणों के साथ-साथ जातीय समीकरण के मुताबिक कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया जाए हालांकि आरजेडी के मंत्रियों के नाम पर अंतिम मुहर लालू यादव को ही लगानी है लेकिन तेजस्वी यादव अपने हिसाब से चेहरों का चयन कर रहे हैं.


उधर, नीतीश कुमार भी अपने कोटे के मंत्रियों में बदलाव करना चाहते हैं. खबर के मुताबिक नीतीश कुमार जेडीयू के कुछ पुराने मंत्रियों की छुट्टी कर सकते हैं. सामाजिक समीकरण के लिहाज से कुछ नए चेहरों की एंट्री भी हो सकती है, लेकिन ज्यादातर चेहरे ऐसे होंगे जो नीतीश कुमार की कैबिनेट में पहले से शामिल होते रहे हैं. सरकार चाहे पहले महागठबंधन की रही हो बाद में एनडीए की और अब महागठबंधन की लेकिन नीतीश कुमार के साथ कुछ चेहरे स्थाई तौर पर कैबिनेट में नजर आते रहे हैं और नीतीश इन चेहरों को एक बार फिर से तरजीह देंगे.


सबसे ज्यादा सस्पेंस कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को लेकर है. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को आलाकमान के फैसले का इंतजार है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा एक बार फिर से मंत्री बनने के लिए लॉबिंग करते नजर आ रहे हैं जबकि दूसरे नेताओं ने भी अंदर खाने से अपने लिए लॉबिंग शुरू की है. कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को लेकर बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की राय काफी अहम रहेगी, वह प्रभारी हैं और अपनी तरफ से रिपोर्ट देंगे. माना जा रहा है कि उनकी तरफ से कुछ नाम केंद्रीय नेतृत्व को सुझाव भी गए हैं लेकिन अंतिम फैसला आलाकमान को ही करना है. ऐसे में आलाकमान का आशीर्वाद किसे मिलता है यह देखना होगा, हालांकि एक बात तय है कि जिन नेताओं ने आरजेडी और नीतीश कुमार के साथ दूरी के बावजूद बेहतर रिश्ते रखें उन्हें मौका मिल सकता है.