PATNA : बिहार सरकार के साल 2019 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. बिहार में शिक्षक बहाली पर लगी हटाने से पटना हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. पटना हाइकोर्ट ने राज्य के प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की होने वाली बहाली प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने से फिलहाल इनकार किया है. जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की पीठ ने नीरज कुमार और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई की तिथि को फिर से विस्तृत जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने 15 जून, 2020 को एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि दिसम्बर, 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में नहीं भाग ले सकते है. इस विज्ञापन के बाद बदलाव कैसे किया जा सकता है. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जब 8 जून, 2020 को विज्ञापन निकाला गया, तो राज्य सरकार कैसे 23 नवंबर, 2020 को कटऑफ डेट कह रही है.
कोर्ट ने कहा कि विगत 8 जून, 2020 तक सीटीईटी पास उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने के योग्य हैं. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि इस परीक्षा के माध्यम से पूरे राज्य में लगभग 94 हजार शिक्षकों की बहाली होनी है. इस मामलें पर अगली सुनवाई आगामी 2 नवंबर को होगी. आपको बता दें कि राज्य के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का मामला 2019 का है. एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से जो सेवारत शिक्षक 18 महीने का डीएलएड कोर्स पास किया था, उन्हें भी इस नियोजन कार्यक्रम में आवेदन देने का अधिकार पटना हाई कोर्ट ने संजय कुमार यादव के मामले में पारित न्यायादेश के जरिए दिया था.
हाईकोर्ट के उस आदेश पर शिक्षा महकमे ने एनसीटीई व सरकार से मन्तव्य लेते हुए नई अधिसूचना जारी की, जिसमें 2019 के शिक्षक नियोजन कार्यक्रम में डीएलएड अभ्यार्थियों सहित दिसंबर 2019 में उत्तीर्ण हुए कम्बाइंड टीईटी अभ्यार्थियों को भी आवेदन देने का मौका सरकार ने 8 जून को दिया था. शिक्षा विभाग ने 15 जून 2020 को जारी अपने आदेश से यह स्पष्ट किया कि वर्तमान नियोजन कार्यक्रम में सिर्फ उपरोक्त डीएलएड अभ्यार्थियों का ही आवेदन अनुमान्य होगा और दिसम्बर 2019 में उत्तीर्ण हुए कम्बाइन्ड टीईटी अभ्यार्थियों को नियोजन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा.