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1st Bihar Published by: MANOJ KUMAR Updated Mon, 12 Aug 2024 04:43:50 PM IST
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MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र के पैगंबरपुर कोल्हुआ निवासी दिल मोहम्मद के पुत्र मो. समीर सड़क दुर्घटना में 18 अप्रैल को घायल हो गया था। जिसे ग्रीन डायमंड इमरजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां के डॉक्टरों ने उसके पैर का ऑपरेशन कर स्टील रॉड लगाया लेकिन उसके हालत में सुधार होने के बजाय और बिगड़ गया।
आनन-फानन में परिजनों ने उसे बेहतर ईलाज के लिए ब्रह्मपुरा स्थित डॉ. शशि आर्थो एंड ट्रॉमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहाँ के डॉक्टरों ने इलाज करने के बदले पैर को ही काट कर हटा दिया। जिसके बाद शिकायतकर्ता दिल मोहम्मद ने अपने अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष 2 जुलाई को मुकदमा दायर किया।
मुकदमे की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष पियूष कमल दीक्षित और सदस्य सुनील कुमार तिवारी ने की। सुनवाई के दौरान आयोग ने ग्रीन डायमंड इमरजेंसी हॉस्पिटल और डॉ. शशि ऑर्थो एंड ट्रामा हॉस्पिटल को नोटिस भेजा है, जिसमें दोनों अस्पताल के प्रबंध निदेशक को 9 अक्टूबर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
पूरे मामले के संबंध में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि यह पूरा मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी की कोटि का मामला है। चूँकि परिवादी के पुत्र का दाहिना पैर ही काट कर हटा दिया गया है, यह चिकित्सकीय लापरवाही को दर्शाता है। परिवादी ने 45 लाख 30 हजार रूपये के हर्जाना का दावा किया है। दोनों अस्पताल के डायरेक्टर को 9 अक्टूबर को जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है।
