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1st Bihar Published by: Updated Wed, 01 Dec 2021 07:13:27 AM IST
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MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर स्थित आई हॉस्पिटल की लापरवाही में अब तक 65 लोगों को अंधा बना दिया है. इन 65 लोगों की सर्जरी 1 दिन के अंदर हुई थी. लेकिन मोतियाबिंद की परेशानी से जूझ रहे इन लोगों को यह नहीं पता था कि ऑपरेशन के बाद इनकी आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली जाएगी.
22 नवंबर को मुजफ्फरपुर के छपरा रोड के पास स्थित आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए फ्री कैंप लगाया गया था. इस दौरान कुल 65 लोगों ने अपने आखिरी सर्जरी कराई पहले 26 लोगों और अब 65 लोगों को लापरवाही ने अंधा बना दिया. अब तक इंफेक्शन के कारण 12 लोगों की आंख निकाली जा चुकी है. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में सात और ऐसे मरीज हैं जिनकी आंख निकालनी पड़ेगी.
मुजफ्फरपुर की इस घटना ने बिहार के बहुचर्चित आंख फोड़वा कांड की याद ताजा कर दी है. फर्क केवल इतना है कि उस वक्त लोगों की आंख की रोशनी जानबूझकर छिनी गई थी. और इस बार लापरवाही ने लोगों की आंख की रोशनी ले ली है. दरअसल मुजफ्फरपुर के जस्ट आई हॉस्पिटल में फ्री सर्जरी कैंप लगाया गया था. वहां से बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर एनडी साहू को अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर बुलाया था हैरत की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब यहां छानबीन शुरू की तो यह मालूम पड़ा कि 22 नवंबर के पहले डॉ साहू ने यह किसी भी मरीज की सर्जरी नहीं की थी 22 नवंबर से लेकर 27 नवंबर तक डॉ साहू लगातार आई हॉस्पिटल में सर्जरी करते रहे और अस्पताल प्रबंधन इस मामले को दबाने के लिए हर कोशिश करता रहा.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम में डॉक्टर साहू का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने की जरूरत बताई है. उनका कहना है कि एमसीआई को अनुशंसा की जाएगी कि डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए. मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब अस्पताल का दौरा किया तो वहां ऑपरेशन थिएटर की स्थिति तय मानकों से अलग मिली ऑपरेशन थिएटर से संक्रमण फैलने की आशंका है. यही वजह है कि अस्पताल को सील कर दिया गया है.