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03-Sep-2019 10:22 AM
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MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के इलाके में हर साल मासूमों पर यमराज बनकर टूट पड़ने वाला AES अब इंसेफेलोपैथी के नाम से जाना जाएगा। AES पर रिसर्च कर रहे डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम में इस बीमारी को नया नाम दिया है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने इस बीमारी को लेकर अगले साल के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। विशेषज्ञों की टीम ने अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि यह बीमारी किसी इंफेक्शन के कारण नहीं हो रही लिहाजा इसे AES की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। बच्चों को होने वाली यह बीमारी मेटाबॉलिक फेल्योर बीमारी है और इस पर आगे भी रिसर्च जारी रहेगा। इंसेफेलोपैथी को लेकर विशेषज्ञों ने बाकायदा एक कार्यशाला का भी आयोजन किया। जिसमें इस बात पर सहमति बनी है कि एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञों को इस बीमारी से लड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। एसकेएमसीएच के डॉक्टरों को पटना एम्स के साथ-साथ दिल्ली और सीएमसी वेल्लोर के स्पेशलिस्ट ट्रेनिंग देंगे। आईसीएमआर ने इस बीमारी का पता लगाने के लिए स्पेशल रिसर्च की भी तैयारी की है।