मुंगेर में मुंसिफ मजिस्ट्रेट के घर विजिलेंस की छापेमारी, आय से अधिक संपत्ति का है मामला

मुंगेर में मुंसिफ मजिस्ट्रेट के घर विजिलेंस की छापेमारी, आय से अधिक संपत्ति का है मामला

MUNGER : मुंगेर से बड़ी खबर आ रही है। मुंगेर में मुंसिफ मजिस्ट्रेट के घर विजिलेंस की छापेमारी हुई है। आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आ रहा है। 

आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस की टीम ने मुंगेर में  मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय के घर पर छापेमारी की है। विजिलेंस टीम ने मुंगेर के लाल दरवाजा ओपी इलाके में मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय के घर पहुंचकर सारे कागजातों को अपने कब्जे में ले लिया ।  कागजातों सहित अन्य सामानों को कब्जे में लेकर विजिलेंस की टीम उसके आंकलन में जुटी हुई है।  

मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय दरभंगा जिले में व्यवहार न्यायालय में पोस्टेड थे।  जिनके ऊपर विजिलेंस कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कराया गया था।आय से अधिक संपत्ति भ्रष्टाचार द्वारा कमाई गई है ऐसा आरोप उनके ऊपर लगाया गया है जिसकी जांच विजिलेंस टीम विजिलेंस कोर्ट के आदेश के बाद करने में जुटी है। मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय को हाई कोर्ट द्वारा डिस्मिस कर दिया गया है। मजिस्ट्रेट के विरुद्ध कांड संख्या 28 19 दर्ज किया गया।  जिसके बाद से इनके विरोध भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है।

विजिलेंस एसपी राजेश कुमार ने बताया कि मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय के विरुद्ध विजिलेंस में कांड संख्या 28/19 दर्ज है।  इस कांड को लेकर विजिलेंस कोर्ट ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करते हुए इन्वेस्टिगेशन का आदेश दिया गया था।  इसी क्रम में मुंसिफ मजिस्ट्रेट के घर पर छापेमारी और इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। मामला दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा मुंसिफ मजिस्ट्रेट को डिसमिस कर दिया गया है ।

वहीं  मुंसिफ मजिस्ट्रेट राकेश कुमार राय ने अपनी सफाई में कहा कि आईबी की एसीबी द्वारा मामले की जांच की जा रही है। विभाग द्वारा मामले की अच्छे से और स्पष्ट जांच करनी चाहिए ।  जांच के बाद सही बातों को सामने लाया जाए लेकिन विभाग ने सही से जांच नहीं की।उनके खाते में जमा एक ही पैसे को तीन से चार बार अलग अलग तरीके से गिना गया और 1 करोड़ रुपए की राशि बनाकर उसे घूस में मिली रकम बताई गई।  

मुंसिफ मजिस्ट्रेट ने कहा उन्होंने 32लाख  रुपए लोन लिया था जिसे विभाग ने घूस की रकम बताया है।  15लाख  रुपए का उन्होंने मकान रजिस्ट्री कराया जिसमें ₹12 लाख लोन लिया गया था।  कहा कि मकान रजिस्ट्री के समय उन्होंने 4 लाख 75000 ज्यादा रजिस्ट्री में गलती से दे दिया यह पैसा उन्हें वापस मिला था लेकिन 4 लाख 75000 को भी घूस की रकम बताया गया।  कहा कि लाख रुपया उनकी सैलरी,  लाख रुपया इवनिंग कोर्ट से मिला । वहीं  लाख रुपया परिवार से मदद के रूप में उनको मिला था । कुल मिलाकर 50 लाख रुपए  में करीब 27 लाख रुपया उन्होंने अपनी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया अब विभाग द्वारा उन्हीं पैसों को बार-बार जोड़ कर तकरीबन 97 लाख रुपया दिखाकर उन पर घूस लेने का आरोप लगाया गया है।