DARBHANGA: विकासशील इंसान पार्टी (VIP) सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की हत्या 15 जुलाई की रात में चाकू से मारकर कर दी गयी थी। घटना के 9 दिन बाद उस चाकू को बरामद किया गया जिसका इस्तेमाल हत्या में किया गया था। बरामद चाकू को आरोपी काजिम ने मंजूर से उधार लिया था और घटना को अंजाम देने के बाद चाकू को मंजूर की दुकान में ले जाकर फेंक दिया था।एसआईटी ने जब आरोपियों से पूछताछ की तब इस बात का पता चला।
दरभंगा के एसएसपी जगुन्नाथ रेड्डी ने बताया कि 23 जुलाई को गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को कोर्ट ने दो दिन की रिमांड दी थी। चारों आरोपियों से रिमांड के दौरान पूछताछ की गई। जिसमें मुख्य आरोपी काजिम अंसारी ने स्वीकारा है कि 15 जुलाई की शाम को उसने जिरात गांव निवासी मो.मंजूर से चाकू उधार लिया था। उसी चाकू का इस्तेमाल उसने जीतन सहनी की हत्या के लिए किया था।
काजिम ने पुलिस को बताया कि घटना के बाद चापाकल पर उसने अपने कपड़े को और चाकू को धोया और कपड़े को घर में रख दिया जबकि चाकू को मंजूर की दुकान में फेंक दिया। पूछताछ के दौरान जब काजिम अंसारी को मंजूर के सामने बैठाया गया तब मंजूर ने भी काजिम की बात की पुष्टि की।
मंजूर ने बताया कि जब उसे सुबह में पता चला कि काजिम ने जीतन सहनी की हत्या कर दी है और चाकू उसकी दुकान में फेंक दिया है तो वो डर गया था। दुकान खोलकर चाकू को उसने घर में छिपा दिया। चाकू के बारे में उसने ही पुलिस को बताया जिसके बाद पुलिस ने उसके घर से चाकू बरामद किया। बरामद चाकू को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
बता दें कि जीतन सहनी हत्याकांड में अब तक पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें काजिम अंसारी, मोहम्मद सितारे, छोटे लहेरी और फारूक शामिल है। सभी आरोपी घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के जिरात इलाके के रहने वाले हैं। इस मामले का खुलासा काजिम अंसारी की गिरफ्तारी के बाद हुई। इसकी निशानदेही पर अन्य आरोपियों को भी पकड़ा गया। इन लोगों ने मृतक से सूद पर पैसे लिये थे। पैसे नहीं चुकाने की स्थिति में इन्होंने अपनी जमीन गिरवी रख दी थी।
दरभंगा पुलिस ने बताया था कि काजीम अंसारी ने मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी को अपनी जमीन गिरवी कर 4 परसेंट प्रति महीने के ब्याज पर लोन लिया था. उसी पैसे को नहीं चुका पाने के कारण उसने हत्या की है. काजिम अंसारी ने मृतक से 3 किश्त में डेढ़ लाख का लोन 4% मासिक ब्याज दर पर लेकर अपनी ज़मीन गिरवी रखी थी. उस पैसे को चुकाने में वह सक्षम नहीं हो रही थी.
दरभंगा पुलिस के मुताबिक घटना की रात्रि में लगभग डेढ़ बजे काजिम और उसके साथियों ने घर के पीछे के दरवाजे से प्रवेश किया। दरवाजा में अंदर का लॉक नही है. घर में घुसने के बाद अभियुक्तों ने जीतन सहनी को जगाया औऱ डरा धमका कर अपनी जमीन और लोन के कागज़ात मांगे. परन्तु मृतक ने उल्टा गाली देना शुरू कर दिया. इस पर काजिम ने गुस्से में आकर मृतक पर ताबड़तोड़ चाकू से वार करना शुरू कर दिया. उसके बाकी साथियों ने जीतन सहनी के हाथ पैर पकड़ कर रखे.
पुलिस के मुताबिक हत्या करने के बाद अभियुक्तों ने कागज़ात वाली अलमारी की चाबी ढूंढने की कोशिश की ताकि अपने कागज़ात वापस ले जा सकें. परन्तु चाबी नही मिली. इस पर अभियुक्तों ने निर्णय लिया कि अलमारी को बन्द अवस्था मे पानी मे फेंक दें ताकि सभी काग़ज़ गलकर नष्ट हो जाएं. सभी लोग ने मिलकर लकड़ी की अलमारी को घर के पीछे स्थित छोटे से तालाब में फेंक दिया और वहाँ से फरार हो गए