मुकेश सहनी के पिता की हत्या का खुलासा: काजीम अंसारी ने पैसे के लेन-देन में किया था मर्डर, बिहार पुलिस का दावा

मुकेश सहनी के पिता की हत्या का खुलासा: काजीम अंसारी ने पैसे के लेन-देन में किया था मर्डर, बिहार पुलिस का दावा

DARBHANGA: दरभंगा के जिरात गांव में विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या की गुत्थी सुलझ गयी है. बिहार पुलिस ने ये दावा किया है. बिहार पुलिस ने कहा है कि पैसे के लेन देन में ये हत्या हुई थी. पुलिस पहले ही कह चुकी है कि मुकेश सहनी के पिता सूद पर पैसे का लेन-देन करते थे.


काजीम अंसारी ने मर्डर किया

बिहार पुलिस ने कहा है कि  जीतन सहनी हत्याकांड का सफल उद्भेदन कर लिया गया है. दरभंगा जिला के घनश्यामपुर थाने के जिरात गांव में हुई इस घटना के मुख्य आरोपी काजीम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा कि पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद में जीतन सहनी की हुई थी हत्या.  मुख्य आरोपी ने इस घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर लिया है. 


बिहार पुलिस ने कहा है कि इस मामले की मॉनिटरिंग सीधे पुलिस मुख्यालय की ओर से किया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश में गठित SIT और दक्ष पदाधिकारियों के नेतृत्व में गठित विशेष सुरक्षा दल (STF) ने इस मामले का उद्भेदन किया है. पुलिस ने कहा है कि मर्डर की इस घटना की जांच के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन करने के लिए FSL टीम भी लगी थी. वहीं, दरभंगा पुलिस भी लगातार कोशिश कर रही थी. इन सब के संयुक्त प्रयास से घटना का उद्भेदन कर लिया है. आगे की कार्रवाई जारी है.


सूद पर पैसे के लेन-देन में हुई हत्या

दरभंगा पुलिस ने इस घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. दरभंगा पुलिस ने कहा है कि दिनांक 15-16 की रात में घनश्यामपुर थाना अंतर्गत जिरात गावँ में घटित हत्या के घटना के सफल उद्भेदन कर लिया गया है और अभियुक्त  काजीम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. 40 साल का काजीम अंसारी घनश्यामपुर थाने के अफजला टोला, सुपौल बाजार का रहने वाला है. उसने घटना के सम्बंध में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए विस्तारपूर्वक घटना के सम्बंध में बताया है.


4 परसेंट सूद पर दिये थे पैसे

दरभंगा पुलिस ने बताया है कि काजीम अंसारी ने मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी को अपनी जमीन गिरवी कर 4 परसेंट प्रति महीने के ब्याज पर लोन लिया था. उसी पैसे को नहीं चुका पाने के कारण उसने हत्या की है. काजिम अंसारी  ने मृतक से 3 किश्त में डेढ़ लाख का लोन 4% मासिक ब्याज दर पर लेकर अपनी ज़मीन गिरवी रखी थी. उस पैसे को चुकाने में वह सक्षम नहीं हो रही थी. 


दरभंगा पुलिस के मुताबिक घटना की रात्रि में लगभग डेढ़ बजे काजिम और उसके साथियों ने घर के पीछे के दरवाजे से प्रवेश किया। दरवाजा में अंदर का लॉक नही है. घर में घुसने के बाद अभियुक्तों ने जीतन सहनी को जगाया औऱ डरा धमका कर अपनी जमीन और लोन के कागज़ात मांगे. परन्तु मृतक ने उल्टा गाली देना शुरू कर दिया. इस पर काजिम ने गुस्से में आकर मृतक पर ताबड़तोड़ चाकू से वार करना शुरू कर दिया. उसके बाकी साथियों ने जीतन सहनी के हाथ पैर पकड़ कर रखे.


पुलिस के मुताबिक हत्या करने के बाद अभियुक्तों ने कागज़ात वाली अलमारी की चाबी ढूंढने की कोशिश की ताकि अपने कागज़ात वापस ले जा सकें. परन्तु चाबी नही मिली. इस पर अभियुक्तों ने निर्णय लिया कि अलमारी को बन्द अवस्था मे पानी मे फेंक दें ताकि सभी काग़ज़ गलकर नष्ट हो जाएं. सभी लोग ने मिलकर लकड़ी की अलमारी को घर के पीछे स्थित छोटे से तालाब में फेंक दिया और वहाँ से फरार हो गए. काजिम अंसारी ने अपने जिन साथियों के नाम बताए हैं उनके विषय मे जांच की जा रही है.


मुकेश सहनी ने कहा-निर्दोष को नहीं फंसाये

उधर, मुकेश सहनी ने कहा है कि वे अब तक की पुलिसिया जांच से संतुष्ट हैं और पुलिस एक्शन मोड़ में काम कर रही है. सहनी ने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि आनन फानन में कोई निर्दोष न फंसे. जो भी गुनाहगार है उसे कड़ी सजा मिले.मुकेश सहनी ने आज मीडिया से कहा कि उनके पिताजी की हत्या गाँव मे इस तरीके से हो जाएगी, ये कभी सोचा तक नहीं था. पिताजी गाँव मे ही रहना चाहते थे, इस कारण वे यहीं रहते थे. किसी प्रकार की दिक्कत भी नहीं थी. वैसे, हत्या मामले की जांच से संतुष्ट मुकेश सहनी ने कहा कि पुलिस एक्शन मोड़ में है. मुख्यमंत्री , केंद्रीय गृह मंत्री के अलावा देश , प्रदेश के पक्ष -विपक्ष के करीब सभी नेताओं ने फोन कर संवेदना व्यक्त की है और सभी ने आश्वस्त किया है कि वे साथ हैं. उन्होंने कहा कि जांच में ठोस तथ्य निकालना चाहिये. 


मुकेश सहनी ने कहा कि मेरी मांग है कि दोषी को सजा मिले. कोई निर्दोष न फंसे. जो भी गुनाहगार है उसे जल्द कठोर से कठोर सजा मिले, जिससे कोई अपराधी इस तरह की घटना करने के पहले सौ बार सोचे. घटना के दोषियों को जल्द सजा मिलेगी तो अपराधियों का मनोबल गिरेगा.मुकेश सहनी ने अपने पिता के ब्याज पर पैसा देने की खबर को नकारते हुए कहा कि ऐसी सूचना मुझे नहीं थी. यहां कोई व्यवसाय भी नहीं था.  उनसे जरूरतमंद पैसा उधार ले लेते थे जिसे वे बाद में लौटा देते थे.