मुकेश सहनी के मामले पर NDA का शीर्ष नेतृत्व लेगा फैसला, JDU ने कहा.. लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का सबको हक़

मुकेश सहनी के मामले पर NDA का शीर्ष नेतृत्व लेगा फैसला, JDU ने कहा.. लोकतंत्र में चुनाव लड़ने का सबको हक़

PATNA : वीआईपी नेता और मंत्री मुकेश सहनी को भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह दरकिनार कर रखा है उसे देखते हुए अब जनता दल यूनाइटेड भी सहनी के समर्थन में खुलकर नहीं आ पा रहा है. भले ही मंत्री मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की हो और उसके बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी के साथ मध्यस्थता की बात कही हो लेकिन इन सबके बावजूद सहनी को जेडीयू का पूरा समर्थन नहीं मिल पा रहा. हालांकि मंत्री मुकेश सहनी उम्मीद लगाए बैठे थे कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी बीजेपी के खिलाफ उनके साथ खड़ी होगी.


मंत्री मुकेश सहनी को लेकर अब जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा का ताजा बयान सामने आया है. उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा है कि मुकेश सहनी के मामले को एनडीए का शीर्ष नेतृत्व देख रहा है और जल्द ही इस पूरे विवाद का सकारात्मक हल निकल जाएगा. जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन गठबंधन धर्म को देखकर ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए.


बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां विधानसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए बेबी कुमारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. यह सीट विकासशील इंसान पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से रिक्त हुआ है, जिसपर वीआइपी का भी दावा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट एनडीए में बीजेपी ने अपने कोटे से वीआइपी को दी थी. अब वीआइपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने भी यहां से अपना प्रत्‍याशी दे दिया है.


बीजेपी और वीआइपी, दोनों के द्वारा बोचहां से अपने-अपने प्रत्याशी घोषित करने के बाद दोनों के रिश्तों में खटास और बढ़ गई है. जेडीयू भी अब खुलकर मुकेश सहनी का साथ नहीं दे रही है. ऐसे में मुकेश सहनी अब एनडीए में अलग थलग दिखाई पड़ रहे हैं. इस उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को वोटिंग होनी है. वहीं 16 अप्रैल को काउंटिंग होगी. नामांकन की आखिरी तिथि 24 मार्च है. पर्चों की जांच 25 मार्च होगी. नाम वापस लेने की आखिरी तिथि 28 मार्च है.