मुहर्रम के मौके पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जमकर भांजी लाठी, भाजपा को दिया बड़ा संदेश

मुहर्रम के मौके पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जमकर भांजी लाठी, भाजपा को दिया बड़ा संदेश

SAHARSA: मुहर्रम के मौके पर पूर्व सांसद आनन्द मोहन ने जमकर लाठी भांजी। लरवारी खेलकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि इस उम्र में भी वह खेल के मैदान हो या राजनीति का मैदान किसी में वो कमजोर नहीं हुए हैं। पूर्व सांसद के लाठी भांजते देख लोग भी हैरान रह गये। जिसकी ईलाके में खूब चर्चा हो रही है। इस दौरान उन्होंने भाजपा को भी बड़ा संदेश दिया है। 


सहरसा के नवहट्टा प्रखंड के मझौल गांव में मुहर्रम के मौके पर मेले का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूर्व सांसद आनंद मोहन पहुंचे थे जहां मुहर्रम के मौके पर लठबाजी का कर्तव्य दिखाया जा रहा था। इस दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन खुद को रोक नहीं पाए और लाठी लेकर मैदान में उतर गए। इस दौरान उन्होंने खूब लाठी भांजी। जो तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है। जिस तरह से लाठी भांजकर उन्होंने यह करतब दिखाया लोग भी देखकर हैरान रह गये। आनंद मोहन के इस रूप को देख लोग खूशी से झूम उठे और तालियां बजाने लगे। आनंद मोहन को देखकर ऐसा लग रहा था मानो ये हुनर इनका पुराना हो। 


बता दें कि सोमवार 31 जुलाई को एम्स सहित अन्य मांग को लेकर सहरसा बंद का आह्वान आनंद मोहन ने कर रखा है। जिसे आम नागरिक सहित सभी दल के नेता सहित सभी संगठन समर्थन दे रहे है। वहीं पूर्व सांसद आनंद मोहन गांव-गांव जाकर लोगों को कल का बंद सफल बनाने की बात कर रहे हैं। बंद में शामिल होने के लिए घर-घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं। इसी दौरान मुहर्रम के मौके पर उन्हें मेला कमिटी ने मझौल गांव बुलाया गया था। जहां उन्होंने कल सभी को बंद को सफल बनाने का न्योता दिया। इसके बाद वहां मौजुद युवा लठबाज़ी का कर्तव्य दिखा रहे थे जिसे देखकर पूर्व सांसद खुद को रोक नही पाए और अपने लट्ठबाजी का हुनर दिखाया। उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था मानो आनंद मोहन कितने पुराने लठबाज हैं। 


31 जुलाई सोमवार को सहरसा बंद को लेकर उन्होंने  कहा कि मैं यहां के नोजवानों से अपील करने आया था की आपलोग भी बड़ी संख्या में आकर सहरसा बंद को सफल बनाए। क्योंकि सहरसा के साथ लगातार नाइंसाफी हो रही है। कमिश्नरी रहते सहरसा मुख्यालय का नाम लोकसभा के मानचित्र पर से हटा दिया गया है। कमिश्नरी रहते यहां यूनिवर्सिटी नहीं बन पाया है। मेडिकल कॉलेज नहीं बन पाया है।ओवरब्रिज भी नहीं बन पाया। ये तमाम विकास के जो क्षेत्रीय कार्यालय थे सब धीरे धीरे सहरसा से उठता चला गया। इन मौजूद सवालों पर कल 31 जुलाई को सहरसा में एम्स को लेकर एम्स सहरसा में बने इस मुख्य बिंदु के साथ सर्वांगीण विकास के लिए हमलोग सहरसा बंद का आयोजन किया गया हैं।