PATNA: देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के मौके पर शिक्षा दिवस समारोह का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस समारोह का शुभारंभ किया। अधिवेशन भवन में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में सीएम नीतीश ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने पुस्तकों का सेट भेंटकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
शिक्षा दिवस समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ० शंकर नाथ झा को मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार-2021 से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें पुरस्कार स्वरूप अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र एवं ढाई लाख रूपये का चेक प्रदान किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय,भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, शिक्षा विभाग एवं शिक्षा जगत से जुड़े अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।
इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को बिहार की जनता ने जब काम करने का मौका दिया तो मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर बिहार में शिक्षा दिवस का आयोजन करने का निर्णय लिया। यहां वर्ष 2007 में पहली बार शिक्षा दिवस का आयोजन किया गया। बिहार में शिक्षा दिवस का आयोजन शुरू करने के बाद हमने राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा दिवस का आयोजन करने के लिए केंद्र सरकर को पत्र लिखा। केंद्र सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया और वर्ष 2008 के 11 नवंबर से राष्ट्रीय स्तर पर भी शिक्षा दिवस का आयोजन प्रारंभ हो गया। बिहार में शिक्षा दिवस अवसर पर बहुत बड़ा कार्यक्रम का आयोजन करते रहे हैं। इन दिनों कोरोना का दौर चल रहा है। इस बीच में कोई कार्यक्रम करना उचित नहीं है इसलिए संक्षिप्त रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ० शकर नाथ झा के कामों को देखते हुए आज उन्हें मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार-2021 से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उस समय वे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। आजादी के बाद जब देश दो हिस्सों में बंट गया तो काफी बुरा हाल था। स्थिति को सामान्य करने के लिए बापू सहित अन्य सभी लोग जगह-जगह घूम रहे थे। उस समय अल्पसंख्यक समुदाय के लोग यहां से जा रहे थे तो मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब ने ही कहा था कि यह देश आपका है, यहां से क्यों जा रहे हैं। उसके बाद लोग रुक गये और स्थिति सामान्य हुई। उनका योगदान बहुत बड़ा है। भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के रूप में भी उन्होंने इस देश में काफी काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना घट रहा है। कोरोना की जांच और टीकाकरण का काम तेजी से हो रहा है। हमलोगों को पूरी उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना से मुक्ति मिलेगी। जब कोरोना से मुक्ति मिल जायेगी तो फिर सामान्य तरीके से सब कुछ किया जाएगा। इस बार छठ पर्व में भी बहुत लोग ठीक ढंग से शामिल हुए। कहीं भी किसी प्रकार की अशांति देखने को नहीं मिली। सब ठीक ढंग से हुआ। हम सभी लोगों का अभिनंदन करते हैं और सबको बधाई देते हैं।