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1st Bihar Published by: Rahul Singh Updated Fri, 10 Jan 2020 12:51:05 PM IST
                    
                    
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PATNA : क्या केंद्र सरकार बाढ़ राहत के बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनकी राजनैतिक हैसियत का अहसास दिला रही है। यह सवाल उठ रहा है जब केंद्र द्वारा राज्यों को बाढ़ राहत के लिए 5908 करोड़ रुपए जारी किए गए। बिहार में पिछले साल दो बार भीषण बाढ़ आई लेकिन इसके बावजूद बिहार की मांग पर विचार नहीं किया गया। अब बिहार में इसे लेकर जेडीयू ने तो चिंता जाहिर की ही है। विपक्ष ने भी केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि बिल्कुल यह विषय सोचने का है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिंतित हैं , हम इस पर विचार कर रहे हैं। संजय सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जनता का जानाधार मिला हुआ है। नीतीश कुमार अपनी शर्तों पर राजनीति करते हैं किसी के दबाव में नहीं इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार से बात करेंगे।
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के साथ हमेशा से केंद्र सरकार सौतेला व्यवहार करता रहा है। मांझी ने नीतीश के राजनीति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि किस लाचारी के वजह से नीतीश कुमार बीजेपी के साथ दे रहे हैं यह सवाल खड़ा होता है। उन्होनें सवालिया लहजे में कहा कि नीतीश कुमार को अगर बिहार की जनता से प्रेम है तो उन्हें इन मुद्दों पर विरोध करना चाहिए।
वहीं राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है। इसके बावजूद भी बिहार की जनता को केंद्र सरकार के तरफ से कोई मदद नहीं की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जो बोली लगाई थी उसे भी पूरा नहीं किया। बिहार में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी आपका का पैसा पूरा नहीं मिलना कहीं ना कहीं एनडीए सरकार पर सवाल खड़ा कर रहा है।
बता दें कि बिहार में बाढ़ राहत की मद में नुकसान और पुनर्वास के मद में केंद्र से 4000 करोड़ रुपए की सहायता मांगी गई थी। एक केंद्रीय टीम ने राज्य का दौरा भी किया था।मंगलवार की बैठक के बाद जब बिहार सरकर ने जानकारी मांगी कि आखिर किन कारणों से राज्य की मांग पर विचार नहीं किया गया, तब उन्हें बताया गया कि केंद्रीय टीम जल्द राज्य का फिर से दौरा करेगी।