PATNA: पटना स्थित जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की पहल पर संजय गांधी जैविक उद्यान में गुरुवार को कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर लगाया गया। इस मौके पर मेदांता अस्पताल की तरफ से सीपीआर प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया। कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन या सीपीआर एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जिसे किसी भी मरीज को कार्डियक अरेस्ट या रेस्पिरेटरी अरेस्ट या दोनों होने पर इस्तेमाल कर जीवन बचाने में मदद मिलती है। वहीं AED मशीन को इलेक्ट्रिकल सीपीआर तकनीक कहा जा सकता है।
पटना के मेदांता अस्पताल द्वारा अस्पताल के बाहर जिंदगी बचाने के लिए जरूरी प्रशिक्षण देने की एक मुहिम शुरू की गई है। जिसमें कार्डियक अरेस्ट या रेस्पिरेटरी अरेस्ट या दोनों होने पर मरीज की जान कैसे बचाई जाए इसके प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है। इसी पहल के आगे बढ़ाते हुए मेदांता अस्पताल,पटना के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने बिहार सरकार से ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर (AED) लगाने का अनुरोध किया था। उनके अनुरोध पर ही बिहार सरकार द्वारा पटना चिड़ियाघर में ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर लगाया गया है। इसमें जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल द्वारा सभी जरूरी सपोर्ट दिया जा रहा है।
मेदांता, पटना के क्लीनिक कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च के डायरेक्टर डॉ.अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मरीज को अस्पताल से बाहर कार्डियक अरेस्ट या रेस्पिरेटरी अरेस्ट होने पर AED का इस्तेमाल कर जीवन बचाने में मदद मिलती है। यह हल्का, बैट्री से संचालित पोर्टेबल डिवाइस है, इससे इलेक्ट्रिक शॉक देकर मरीज की हृदय गति को नियमित करने की कोशिश की जाती है। कार्डियक अरेस्ट होने पर यदि समय पर इस मशीन से या सीपीआर तकनीक से प्राथमिक उपचार मिल जाए तो मरीज की जान बचाने में मदद मिलती है। यह जान बचाने की एक सस्ती मशीन है, जो एयरपोर्ट, सभी बड़े होटलों में उपलब्ध होती है। इसलिए बिहार सरकार से अनुरोध है कि शहर के हर नुक्कड़ इस मशीन को पर उपलब्ध कराई जाए जिससे कि आमलोगों की जिंदगी बचाने में सहायता मिल सके।
वहीं संजय गाधी जैविक उद्यान, पटना के निदेशक श्री सत्यजीत कुमार ने कहा कि यह एक जीवनरक्षक मशीन है, चिड़ियाघर में आनेवाले आगंतुक इससे लाभांवित होंगे। हमारे कर्मियों ने इसको लेकर उत्साह दिखाया है। जयप्रभा मेदांता अस्पताल पटना की यह पहल सराहनीय है। बता दें कि पटना स्थित मेदांता अस्पताल के बाहर जीवन बचाने की इस मुहिम में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। बिहार शिक्षा परियोजना से जुड़ें शिक्षकों, पुलिस अधिकारियों, कर्मियों और चिड़ियाघर के कर्मियों को सीपीआर तकनीक के लिए प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण के बाद ये सभी मास्टर ट्रेनर के रूप में अन्य लोगों को भी इस तकनीक का प्रशिक्षण दे रहे हैं। जिससे कि हृदय रोगों से होने वाली मौत को रोका जा सके।
इस मौके पर पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी, संजय गांधी जैविक उद्यान, पटना के निदेशक श्री सत्यजीत कुमार (आईएफएस), एम्स पटना के सीटीवीएस सर्जन डॉ. संजीव कुमार, मेदांता पटना के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रवि शंकर सिंह, कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार, क्लीनिकल कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च विभाग के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार सिन्हा, इंटेंसिविस्ट डॉ. शुभलेश कुमार सहित एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद थी।